उत्तराखंड सरकार का एक विभाग,दूसरे सरकारी विभाग के फैसले को लंबे समय से इम्प्लीमेंट न किये जाने पर, न्याय के लिए पहुंचा पुलिस की शरण में..

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हाल-ए-उत्तराखंड…सरकार के विभागों के बीच आपसी समन्वय का बड़ा आभाव…

उत्तराखंड में जिला विकास प्राधिकरण जो कि पहले झील विकास प्राधिकरण के नाम से जाना जाता है। अपने ही सचिव के आदेश का पालन नही करवा पा रहा है। यहाँ हम बात कर रहे हैं भीमताल डॉट पर सरकारी भूमि पर लखनऊ निवासी उत्तम कुमार ने अपने वाहन की पार्किंग के लिए एक 15 फिट × 20 फिट का तीन शेड वर्ष 2006 में बना दिया था। जिस पर लोक निर्माण विभाग ने झील विकास प्राधिकरण को अपनी आपत्ति दर्ज की।और बताया कि उक्त भूमि लोक निर्माण विभाग की है।जिस पर तत्कालीन सचिव श्रीश कुमार ने अतिक्रमणकारी उत्तम कुमार को भूमि के दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा। जिसके लिए निर्माण कर्ता को 2006 से 2012 तक कार्यालय में उपस्थित होने के लिए कहा गया पर उत्तम कुमार ने भूमि के कोई साक्ष्य प्राधिकरण के समक्ष प्रस्तुत नही किये। जिस पर प्राधिकरण सचिव ने उक्त निर्माण के ध्वस्तीकरण के आदेश वर्ष 2015 में जारी कर दिए थे..लेकिन आजतक जिला विकास प्राधिकरण उक्त अवैध निर्माण को नेस्तिनाबूद नही करवा पाया।

स्थानीय निवासियों को भी हो रही हैं दिक्कतें…

स्थानीय निवासियों ने भी उक्त अवैध निर्माण के संबंध में अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग को पत्र लिख कर निवेदन किया कि उक्त अवैध निर्माण से रास्ता संकरा हो गया है।जिससे स्थानीय निवासियों को दुर्घटना होने भय लगातार बना हुआ है। स्थानीय लोगों ने बताया कि उक्त अवैध अतिक्रमणकारी दबंग प्रवृत्ति का है।तथा किसी प्रकार से उक्त निर्माण का ध्वस्तीकरण नही होने दे रहा है।

प्राधिकरण के ध्वस्तीकरण के आदेश के बाद भी सरकार का विभाग पुलिस से मदद की कर रहा गुहार…

 

उत्तराखंड सरकार का ही लोक निर्माण विभाग पूरे प्रयत्न के बाद भी जिला विकास प्राधिकरण से उक्त अवैध निर्माण को हटवा नही पा रहे हैं। जबकि प्राधिकरण द्वारा ध्वस्तीकरण का आदेश वर्ष 2015 में ही कर दिया गया था।अब दिनांक 12.04.2022 को लोक निर्माण विभाग द्वारा थाना अध्यक्ष भीमताल को पत्र लिखकर हस्तक्षेप करने की प्रार्थना की है।ताकि उक्त अवैध निर्माण को हटाया जा सके।