उत्तराखंड में धान खरीद सत्र 2021-22 में हो गया अरबों का घोटाला..200 खरीद केंद्रों में से केवल एक केंद्र की जाँच में मानकों से सवा करोड़ से अधिक की हुई खरीद…

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उप निबंधक सहकारी समितियां कुमाऊँ मंडल की ओर से मामले में संबंधित किसानों की राजस्व अभिलेखों में दर्ज कुल भूमि का सत्यापन कराया गया तो सामने आया बड़ा घोटाला…

उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर जिले में बड़े पैमाने पर धान खरीद घोटाला सामने आया है। यह मामला धान खरीद सत्र 2021-22 का है। यहां किसानों की ओर से जिस भूमि पर यह धान उगाना दिखाया गया है वह भूमि राजस्व अभिलेखों में उनके नाम ही दर्ज नहीं है। जिस पर पहले से स्कूल भवन, कब्रिस्तान, एनएच-74 और शमशान घाट बने हुए हैं।यहां करीब 108 हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि पर धान उगाना दिखाया गया है।

2021-22 में ऐसे दो सौ धान खरीद केंद्र थे..केवल एक सेंटर की जाँच में निकला सवा करोड़ से अधिक का घोटाला…

आपको बता दें कि प्रदेश में सरकारी समर्थन मूल्य योजना के तहत बीते वर्ष धान खरीद सत्र में क्रय एजेंसी उत्तराखंड सहकारिता संघ के माध्यम से संचालित धान क्रय केंद्र नकटपुरा में मानक से अधिक तौल की गई। जिले के एक अकेले धान खरीद केंद्र नकटपुरा की जांच में 46 किसानों का 6520 कुंतल अतिरिक्त धान तौला गया है, जो वास्तव में न जाने कहाँ उगाया गया और इस खरीद केंद्र पर सरकार को हो बेच दिया गया। इसकी कीमत करीब एक करोड़ 27 लाख रुपये बैठती है।
ऊधमसिंह नगर जिले में वर्ष 2021-22 में ऐसे करीब 200 धान खरीद केंद्र थे।जिनकी जांच होनी अभी बाकी है। अभी तक इनमें से उप निबंधक स्तर पर नौ सेंटरों की जांच की जा चुकी है। इनमें नौ सेंटरों में से जिला प्रशासन के स्तर पर एक सेंटर की जांच ही पूरी हो पाई है।एक हेक्टेयर भूमि पर करीब 60 कुंतल धान की पैदावार होती है।