तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी में कल से शुरू होगी फाइन आर्ट्स की पेंटिंग प्रदर्शनी..विलुप्त होती वाश पेंटिंग एवं वाटर कलर तकनीकी की 50 पेंटिग्स होंगी प्रदर्शित…
तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के कॉलेज ऑफ फाइन आर्टस के प्रिंसिपल व रंगों के जादूगर रविन्द्र देव की यूनिवर्सिटी में फर्स्ट एकल प्रदर्शनी का उद्घाटन कल होगा।कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स द्वारा आयोजित इस तीन दिनी प्रदर्शनी का टी.एम.यू के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर श्री अक्षत जैन बतौर मुख्य अतिथि शुभारम्भ करेंगे। आपको बता दें कि विविधता, चिंतन व किसी भी विचार को उकेरने की अदभुत क्षमता के धनी प्रोफेसर रविन्द्र देव प्रकृति प्रेम से लेकर पशु-पक्षी प्रेम, ग्रामीण परिवेश, पुरातन वाद्य यंत्र, राजस्थानी वेशभूषा, देवी-देवता हों या देश की तमाम नामचीन हस्तियां इस शख्स के दिल-ओ-दिमाग में आते ही कैनवास पर रंगों से मनमोहक उकेर दी जातीं हैं।कल से आयोजित होने वाली इस प्रदर्शनी में विलुप्त होती वाश पेंटिंग एवं वाटर कलर तकनीक के करीब 50 चित्र प्रदर्शित होंगे।रविन्द्र देव लखनऊ के फाइन आर्टस कॉलेज से 1982 बैच के छात्र रहे हैं।तथा वह 2011 से टी.एम.यू के कॉलेज ऑफ फाइन आर्टस के संचालक रहे हैं।इस विधा में उन्हें लगभग 50 वर्षों का समृद्ध अनुभव है।वह चीन के जे हून सून की वाटर कलर पेंटिंग और पोट्रेट से लेकर अरमान हुसैन खान के बड़े प्रशंसक व कद्रदान हैं।
सुपर स्टार राजेश खन्ना का चुनावी कैंपेन हो या देश की दिग्गज कंपनियों के इश्तहार की डिजाइनिंग..इनकी है महत्त्वपूर्ण भूमिका…
रंगों के जादूगर रविन्द्र देव ने देश की जानी-मानी कंपनियों के उत्पादों, इंडियन एयरलाइन्स, आई.टी.डी.सी, पान पराग, राजदूत, टेलीविस्टा, ग्रावेरा सूटिंग्स एवम् शर्टिंग, पी.सी.एल कम्प्यूटर्स के इश्तहार के डिजाइनिंग में सृजनात्मक भूमिका निभाई है। अपने जमाने के सुपर स्टार राजेश खन्ना के चुनावी कैंपेन में भी बतौर चित्रकार रविन्द्र देव ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यूनिवर्सिटी में इस समय बी.एफ.ए और एम.एफ.ए के संग-संग पी.एच.डी की डिग्री भी फाइन आर्टस में प्रदान की जा रही है।स्टार ख़बर से बातचीत में फाइन आर्ट्स के जादूगर रविन्द्र देव ने बताया कि वह बी.एन.आर्य, योगी योगेन्द्र नाथ वर्मा, पी.सी.लिटिल, जयकृष्ण अग्रवाल, सतीश चन्द्रा, एस.जी.श्रीखंडे, आर.एस.बिष्ट, एस.पी.कपूर व हीरा सिंह बिष्ट सरीखे शिक्षाविदों एवम् जाने-माने चित्रकारों को अपना आदर्श मानते हैं।और हरपल उनसे कुछ न कुछ सीखते रहते हैं।