नैनीताल – उत्तराखण्ड में इन दिनों एक मामला खूब चर्चाओं में है। रणजी ट्राँफी ने राज्य को करारी हार मिली बावजूद इसके क्रिकेट ने राज्य का नाम रोशन कर दिया है। एसोसिएशन पर अब भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं जिस पर हांलाकि सफाई भी आने लगी है..लेकिन सवाल सोशल मीडिया से लेकर सरकारी दफ्तरों तक में पूछे जा रहे हैं कि कौन खा गया डेढ करोड़ खाना और लाखों के केले..
ऐसे हुआ बल खेला…
दरअसल रणजी ट्राफी के क्वार्टर फाइनल में मुंबई ने उत्तराखण्ड को रिकार्ड़ रनों यानि 725 रनों से हरा दिया और मुंबई की ये जीत वर्ड़ रिकार्ड़ बन गई हांलाकि ये अनुभव उत्तराखण्ड जैसे राज्य के लिये शर्मनाक से ज्यादा कुछ नहीं रहा मैच हारने के बाद भी तमाम विवाद क्रिकेट एसोसिएशन पर उठे हैं..मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखण्ड की टीम ने कागजों पर करोड़ो रुपये खर्च किये हैं..एक बेवसाइड़ के हाथ लगी आँडिट रिपोर्ट में कहा गया है कि खिलाडियों को 100 रुपये का दैनिक भत्ता दिया जाता है लेकिन क्रिकेट एसोसिएशन ने इसका विरोध किया कहा कि दैनिक भत्ते के तौर पर 49 लाख 58 हजार दिये गये हैं और खाने पीने में 1 करोड़ 74 लाख खर्चा किया है हैरानी की बात ये है कि 35 लाख के केले खा लिये गये और 22 लाख का पानी की बोतलों का खर्च दिखाया गया है। सीयू पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद सफाई भी आई है कहा है कि 2021-22 सीजन के दौरान 1250 और स्पोर्ट स्टाप को 1500 दैनिक भत्ते दिये गये हैं एसोसिएशन ने कहा है कि बायो-बबल के कारण खिलाड़ी बाहर खाने नहीं जाते है। हालांकि इस मामले में अब राज्य के खानपूर विधायक उमेश शर्मा ने फेसबुक लाइव के जरिये इस पूरे मामले में जांच की मांग की है। फेसबुक लाइव में विधायक ने कहा है कि इस सवाल को विधानसभा सत्र के दौरान उठाएंगे और कैसे राज्य में ऐसा भ्रष्टाचार हुआ है उस पर कार्रवाई की मांग करेंगे।