नैनीताल – हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर अतिक्रमकारियों को फिलहाल दो हफ्तों की राहत मिली है..हाईकोर्ट में आज सुनवाई के दौरान जस्टिस शरद शर्मा की कोर्ट ने कहा कि बहुत से मामले हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र के जरिये आ रहे हैं जिसमें कहा जा रहा है कि उनको सुनवाई का अवसर दिये बगैर उन पर एकतरफा कार्रवाई की जा रही है..कोर्ट ने इसका संज्ञान जनहित में लेते हुए आदेश दिया है कि हाईकोर्ट रजिस्ट्री दो नैनीताल जिले में प्रकाशित होने वाले अखवारों में विज्ञापन जारी करेंगे जिसमें कहा जायेगा की जो भी अपना पक्ष इस याचिका के जरिये कोर्ट में रखना चाहता है वो दो हफ्तों के भीतर प्रार्थना पत्र न्यायालय में रख सकते हैं ताकि उचित सुनवाई का मौका देते हुए कोर्ट इन प्रार्थना पत्र का निस्तारण कर सकें और कोई शिकायत ना रह सकें। कोर्ट अब 2 हफ्तों बाद अपनी इस मामले पर सुनवाई करेगा।
हाईकोर्ट से लेकर सु्प्रीम कोर्ट तक ने दिये है अतिक्रमण हटाने का आदेश..
आपको बतादें कि 9 नवम्बर 2016 को हाईकोर्ट ने रविशंकर जोशी की याचिका पर 10 हफ्तों में रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था..हांलाकि इस आदेश के खिलाफ सरकार और अतिक्रमणकारियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की सुप्रीम कोर्ट ने तीन महिने की राहत देते हुए हाईकोर्ट में अपनी बात रखने को कहा इसी बीच एक अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान रेलवे ने कोर्ट को बताया कि सभी 4365 अतिक्रमणकारियों को नोटिस दिये हैं और मुकदमों का निस्तारण किया गया है 6 मार्च 2017 को हाईकोर्ट ने पीपी एक्ट में कार्रवाई की छूट देते हुए सभी प्रार्थना पत्रों को भी खारिज कर दिया । इसके बाद कोई कार्रवाई नहीं होने पर रवि शंकर जोशी ने फिर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने की मांग की है ताकि रेलवे सुविधाओं को विस्तार किया जा सके..साथ ही अतिक्रमण के लिये जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की भी माग कोर्ट से की गई है।