दिनों कई दिनों से हो रही बारिश के चलते यहां एक ओर जन जीवन अस्त व्यस्त हो चुका है तो दूसरी ओर रामगढ़ में फिर तबाही का मंजर नजर आया। ग्रामीणों ने पूरी रात भय से साए में गुजारी। लोगों का कहना है कि बारिश को देख बीते वर्ष आई आपदा का मंजर दिखाई दे रहा था। बारिश के चलते रामगढ़ – कैंची मार्ग में मलवा आया तो वही आस्था का प्रतीक नवग्रह रानी मंदिर के पास नाले में मलवा आ गया। वही बारिश में यहां के लोगों ने पूरी रात भय में गुजारी। मकानों में आई दरारों के चलते कई ग्रामीण परिवार मकान छोड़ने को तैयार है। इधर ग्रामीणों ने नुकसान का मुआवजा देने की मांग की है। वही वर्तमान तक जिले के 65 मोटर मार्गों में मलवा आने से यातायात व्यवस्था ठप है।
इधर ओखलकांडा ब्लॉक की ग्राम पंचायत टीमर के 34 परिवारों ने मकानों को छोड़कर जूनियर हाईस्कूल बडौन में शरण ली। बारिश के चलते मकानों में पड़ी दरारों से भय का माहोल बना हुआ है। सरपंच हरेंद्र सिंह ने बताया कि पिछले साल आई आपदा में पूरा गांव भूस्खलन की चपेट में आ गया था। जिसके चलते ग्रामीणों के मकान में दरारें आ चुकी है। इसको लेकर शासन-प्रशासन से ग्रामीणों ने समस्या हल करने की मांग की थी लेकिन कोई समस्या हल नहीं हो पाई।