नैनीताल – नैनीताल के सूखाताल में चल रहे सौन्दर्यकरण के काम पर ब्रेक लग गया है। हाईकोर्ट की खण्डपीठ ने सभी तहर के काम पर रोक लगाते हुए यहां चिन्हित अतिक्रमण हटाने के भी आदेश दिये हैं। कोर्ट ने कहा है कि प्राधिकरण को अतिक्रमण हटाने के दौरान पुलिस सुरक्षा भी उपलब्ध की जाए और चिन्हित अतिक्रमण हटाने के निर्देश भी जिला प्रशासन प्राधिकरण को दिया है। इससे पहले भी कोर्ट सूखाताल को अतिक्रमण हटाने का आदेश दे चुका था। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान माना की जो भी सौन्दर्यकरण के काम यहां चल रहे हैं वो बिना पर्यावरणीय स्वीकृती के लिये चल रहे हैं।
आपको बतादें कि नैनीताल के डाँ जीपी साह समेत 40 से अधिक लोगों ने नैनीताल के सूखाताल में चल रहे काम पर सवाल उठाए थे और हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर सूखाताल में चल रहे काम पर रोक लगाने की मांग की थी। पत्र में कहा गया था कि इस झील से नैनीताल झील को 40 प्रतिशत पानी मिलता है लेकिन कंकरीट का यहां ढांचा तैयार किया जा रहा है। कोर्ट ने याचिका का संज्ञान लिया था जिसके बाद अब कोर्ट ने कार्रवाई के आदेश दिया है। कोर्ट में दिये इस पत्र में नैनीताल शहर की पहले जनसंख्या का जिक्र किया गया है और अब नैनीताल की जनसंख्या और मकानों की संख्या का भी जिक्र हाईकोर्ट में दिये पत्र मे दिया गया है।
इसके साथ ही नैनीताल में ही राजमहल कम्पाउण्ड़ में भी अवैध बने भवन के ध्वस्तीकरण पर लगी रोक को भी कोर्ट ने हटा दिया है और अवैध बिल्डिंग पर कार्रवाई के आदेश दिया है। बरसात के दौरान रईस अहमद की इस भवन पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी और याचिकाकर्ता को 3 महिने में खुद अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था..24 अगस्त को हाईकोर्ट की एकलपीठ ने भी अतिक्रमण हटाने को कहा था जिसकी अपील डबल बेंच में की गई थी आज कोर्ट ने अपील खारिज कर दी है।