नैनीताल – थारु जनजाति मामले में फंसे इतिहासकार अजय रावत को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए उनको अंतरिम राहत दी है और गिरफ्तारी पर 15 सितंबर तक रोक लगा दी है। सुनवाई के दौरान अजय रावत के वकील ने कोर्ट में कहा कि ये जो किताब लिखी है वो ओपन विश्वविघालय के स्लेबस से बाहर है 2011 से ही.. और जिन अंश या बातों पर आपत्ति है वो 1904 के गजेटियर एच आर नेवल उसमें से काँपी किया गया है और ये अजय रावत के शब्द नहीं है। आपको बतादें कि अजय रावत की किताब उत्तराखण्ड का राजनैतिक इतिहास पर विवाद हुआ था जिस पर राणा थारु परिषद के अध्यक्ष ने खटीमा थाने में इतिहासकार प्रो0 अजय रावत के खिलाफ एससी एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था अजय रावत पर आरोप है कि उन्होंने अपनी किताब में थारु जनजाति के लिये अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया है। परिषद के अध्यक्ष दान सिंह ने इस मामले में 29 जुलाई को खटीमा पुलिस को पत्र देकर कार्रवाई की मांग की गई थी और अजय रावत पर कानूनी कार्रवाई की मांग की गई थी। हांलाकि अजय रावत ने खेद जताते हुए इस पूरे वर्णन को गजेटियर का हवाला देते हुए खुद के बजाए अंग्रेज के शब्द बताए थे लेकिन अब गिरफ्तारी से बचने के लिये अजय रावत ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।