हो जाएं सावधान..बिना नक्शा पास किये बनाया मकान तो हाई कोर्ट के अंतिम निर्णय के रहेगा अधीन..
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने 2017 में लागू जिला स्तरीय प्राधिकरण क्षेत्रों में शामिल नए क्षेत्रों में बिना अनुमति भवन निर्माण किये जाने पर कड़ा रुख अपनाया है।तथा उच्च न्यायालय ने संबंध में सरकार और प्राधिकरण नैनीताल को नोटिस जारी कर 4 हफ्तों में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। हाई कोर्ट ने मामले में पूरी तरह से स्पष्ट कर दिया है कि बिना नक्शा पास कराए निर्माण करने पर संबंधित घर हाई कोर्ट के अंतिम निर्णय के अधीन रहेगा।
याचिकाकर्ता ने सरकार के 17 मार्च 2021 के आदेश को निरस्त करने की माँग की…
आपको बता दें कि हल्द्वानी निवासी रवि शंकर जोशी ने सरकार के 17 मार्च 2021 के उस आदेश को अदालत में चुनौती दी है जिसमें प्राधिकरण में जुड़े नए क्षेत्रों को नक्शा पास करने की छूट दे दी गयी थी।साथ ही उक्त याचिका में सरकार के इस 17 मार्च 2021 के आदेश को निरस्त करने की मांग भी की गई है।रवि शंकर जोशी के अधिवक्ता राजीव बिष्ट ने बताया कि सरकार ने कुछ नए क्षेत्रों को 2017 में जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण में जोड़ा था लेकिन 17 मार्च 2021 को इन नए जोड़े गए क्षेत्रों में नक्शा पास करने की छूट दे दी गयी।जिसके बाद बिना नक्शा पास कराए निर्माणों की बाढ़ सी आ गई।जिससे नई कॉलोनियां व प्लाटों की बिक्री को पंख लग गए।याची द्वारा प्राधिकरण में शिकायत करने पर अधिकारियों ने कार्यवाही में असक्षमता जताई तो मामले को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई।कोर्ट ने सख्त रक्त अख्तियार कर कहा कि इन छूट दिए गए क्षेत्रों में अगर कोई मकान बनाता है तो ये उसका व्यक्तिगत रिस्क होगा क्योंकि संबंधित निर्माण पर हाई कोर्ट का अंतिम निर्णय ही मान्य रहेगा।