अल्मोड़ा विश्वविद्यालय के कर्मचारी आ सकते हैं अब कुमाऊं विश्वविद्यालय.. उत्तराखंड हाई कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार के शासनादेश को किया खारिज़…

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अल्मोड़ा विश्वविद्यालय के कर्मचारी आ सकते हैं अब कुमाऊं विश्वविद्यालय.. उत्तराखंड हाई कोर्ट ने सरकार के शासनादेश को किया खारिज़…

अल्मोड़ा विश्वविद्यालय के कर्मचारी भी अब कुमाऊँ विश्वविद्यालय नैनीताल में वापस आ सकते है।आज हाईकोर्ट नैनीताल ने सरकार के 12 अगस्त 2021 के आदेश को निरस्त कर दिया है।इस आदेश के तहत अल्मोड़ा विश्वविद्यालय बनने के दौरान समझौता हुआ था कि जो कर्मचारी जहां तैनात है उस शिक्षक और कर्मचारी को उसी विश्वविद्यालय में नियुक्त कर्मचारी माना जायेगा। आपको बतादें कि 2020 में कुमाऊँ विश्वविद्यालय से अलग अल्मोड़ा विश्वविघालय की स्थापना की गई थी इसके लिये संयुक्त कमेटी ने निर्णय लिया कि जो व्यक्ति जहाँ तैनात है उसको वहीं का कर्मचारी माना जायेगा सचिव उच्च शिक्षा ने भी इस आदेश को लागू कर दिया।लेकिन नवीन भट्ट समेत अन्य कई शिक्षकों ने इस आदेश को कोर्ट में चुनौती दी और कहा कि उनकी नियुक्ति कुमाऊँ विश्वविद्यालय के लिये हुई है और उनको कहीं और के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है कि वो अल्मोड़ा विश्वविद्यालय में ही रहें..वहीं याचिका में कहा गया है कि सरकार का निर्णय असंवैधानिक है सरकार विश्वविघालय के कार्य में हस्तक्षेप कर रही हैं। आज कोर्ट ने सरकार के ही आदेश को निरस्त कर दिया है।

अब कर्मचारियों, व शिक्षकों से माँगे जाएँगे विकल्प…- दुष्यंत मैनाली वरिष्ठ अधिवक्ता उच्च न्यायालय नैनीताल…

नैनीताल उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने स्टार ख़बर को बताया कि अब कुमाऊँ विश्वविद्यालय से अल्मोड़ा विश्वविद्यालय भेजे गए कर्मचारियों व शिक्षकों से संबंध में विकल्प मांगें जाएंगे।तदोपरांत ही उनकी नियुक्तियों को वैधानिक माना जायेगा।उन्होंने बताया कि याचिकाकर्ताओं को सुन कर कोर्ट ने उस शासनादेश को ही निरस्त कर दिया जिसके तहत कुमाऊँ विश्वविद्यालय में नियुक्त हुए कर्मचारियों, शिक्षकों को जबरन सरकार द्वारा अल्मोड़ा विश्वविद्यालय भेज दिया गया था।अतः अब संबंध में सभी ऐसे कर्मचारियों, शिक्षकों से विकल्प माँगे जायेंगें तभी यह न्यायोचित कदम कहलायेगा।इससे इन कर्मचारियों व शिक्षकों के अपनी नियुक्ति स्थल पर वापसी के रास्ते पूरी तरह से खुल गए है।