कल से बी.डी.पांडे चिकित्सालय की सरकारी भूमि पर होगा ध्वस्तीकरण..सारा दिन खिड़की,चौखटें व जरूर सामान निकालने में जुटे रहे लोग..

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अवैध अतिक्रमण कारियों के भवनों का जिलाप्रशासन कल से करेगा ध्वस्तीकरण..सामान निकालने का आज अंतिम दिन…

नैनीताल में बी.डी.पांडे चिकित्सालय की सरकारी भूमि पर अवैध अतिक्रमण कारियों को अपने भवनों से सामान निकालने की मियाद आज खत्म हो रही है।कल से उक्त अवैध बसावट पर जिला प्रशासन का बुलडोजर गरजेगा।सभी सरकारी अधिकारी व कर्मचारी आज यहाँ पर एकत्रित रहे।और अतिक्रमण कारियों को अपने भवन स्वयं तोड़ने के लिए व अपना सामान भवनों से निकालने के लिए बार-बार लाऊड स्पीकर से प्रचारित करते रहे।ज्ञात रहे कि झील नगरी में अनेक जगहों पर बाहर से आये लोगों ने अवैध अतिक्रमण कर सैकड़ों भवनों को बनाया हुआ है।इसमें नजूल भूमि,वन भूमि सहित अनेक सरकारी भूमि पर अतिक्रमण किया गया है।विगत जुलाई माह में हाई कोर्ट नैनीताल ने इन सभी विभागों से अवैध कब्जेदारों को हटाने के आदेश निर्गत किये थे।तभी से सरोवर नगरी में इन अवैध अतिक्रमण कारियों के बीच खलबली मची हुई है।

कल प्रातः से ही उक्त क्षेत्र को सील कर प्रशासन करेगा ध्वस्तीकरण की कार्यवाही..अतिक्रमण नही किया जाएगा बर्दाश्त…- प्रमोद कुमार उपजिलाधिकारी नैनीताल…

नैनीताल के उपजिलाधिकारी प्रमोद कुमार ने बताया कि इन अतिक्रमण कारियों को केवल आज तक की मोहलत दी गई थी।कल प्रातः से ही उक्त स्थल पर जिलाप्रशासन क़ाबिज़ हो जाएगा और अतिक्रमण कारियों को उक्त स्थल में प्रवेश की अनुमति नही होगी।कल प्रशासन स्वयं ही ध्वस्तीकरण की कार्यवाही करेगा।उपजिलाधिकारी प्रमोद कुमार ने बताया कि लोग आपसी समन्वय के साथ अपने निर्माणों को स्वयं ही नेस्तिनाबूद कर रहे हैं।लेकिन कल प्रातः से ही उक्त क्षेत्र को सील कर ध्वस्तीकरण की कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।ज्ञात रहे कि उक्त ध्वस्तीकरण के लिए जिला प्रशासन द्वारा पर्याप्त पुलिस फ़ोर्स मंगा ली गई है।अतिक्रमण एक्सपर्ट ज्वाइंट कमिश्नर व सिटी मजिस्ट्रेट हल्द्वानी ऋचा सिंह सहित जिले के सभी अधिकारी व कर्मचारी स्थल पर उपस्थित रहे।

उक्त क्षेत्र में आर.सी.सी द्वारा भारी निर्माण कार्य किये गए है।जबकि नैनी वैली में इस तरह के निर्माण पूरी तरह से प्रतिबंधित हैं।यहाँ बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर किन अधिकारियों के समय में इन भारी निर्माणों को किया गया..? क्या उन अधिकारियों को खोज कर दंडित नही किया जाना चाहिए..?