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नैनीताल में लगातार झील किनारे के पेड़ों की आई शामत..अपराधियों को प्रशासन,वन विभाग का नही है कोई ख़ौफ़…

झील नगरी नैनीताल में झील किनारे ही जब पेड़ सुरक्षित नही हैं तो वनों के भीतर उनकी रक्षा करने वाला कौन है..?यह यक्ष प्रश्न अब बड़ा होता जा रहा है।ज्ञात रहे कि पेड़ों का महत्व सिर्फ प्रकृति का हिस्सा होने से कहीं अधिक यह है कि पेड़ ग्रीनहाउस गैसों के प्रभाव को कम करके जलवायु परिवर्तन से निपटने में सक्रिय भूमिका निभाते हैं।लेकिन प्रदेश का वन विभाग पर्यटक स्थलों में लोगों की आवाजाही के बीच पेड़ों के अवैध कटान को नही रोक पा रहा है।आपको बता दें कि कुछ दिन पहले भी एक तीन फिट से अधिक गोलाई के पेड़ को अवैध ढंग से काट कर निकटस्थ शनि मंदिर के पीछे छुपा दिया गया था। उक्त मामले की तस्वीरें भी तत्काल वन अधिकारियों को भेज दी गई थी।लेकिन अगर उस मामले में कार्यवाही की गई होती तो आज फिर से झील किनारे से पेड़ काटने की हिमाकत कोई भी नही कर पाता।जब स्टार ख़बर का कैमरा वहाँ पहुँचा तो पेड़ काटने वाला व्यक्ति आरी सहित पेड़ की आड़ में छुप जा रहा था।

डी.एफ.ओ नैनीताल ने दिए अधीनस्थ अधिकारियों को ऐसे संदिग्ध लोगों के ख़िलाफ़ त्वरित कार्यवाही करने के आदेश…

डी.एफ.ओ नैनीताल चंद्र शेखर जोशी को उक्त अवैध कटान की तस्वीरें भेजी गई।और नैनीताल रेंज अधिकारी प्रमोद तिवारी से स्टार ख़बर ने पूछा कि जब सरोवर नगरी में ही पेड़ सुरक्षित नही है तो वनों के भीतर पेड़ काटने को कैसे रोकेंगे..? तो उनके पास इसका कोई पुख्ता जवाब नही था।फ़ोन पर डी.एफ.ओ चंद्र शेखर जोशी ने स्टार ख़बर से कहा कि वो गुवाहाटी से लौट रहे हैं लेकिन तस्वीरें देखकर उन्होंने ऐसे संदिग्ध लोगों के ख़िलाफ़ त्वरित कार्यवाही करने के अधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं।