प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के प्रीमियम में 32% से लेकर 67% तक की बढ़ोत्तरी…
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना भारत सरकार की एक अत्यंत महत्वाकांक्षी योजना के रूप में शुरू की गई थी। इसकी घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 मई 2015 को कोलकाता में निम्न आय वर्ग को बीमा की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से की थी।
इसके लिए मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY) और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY) शुरू की। ये दोनों योजनाएं सीधे आम जनता के कल्याण से जुड़ी हुई हैं। और बैंकों के जरिए इनका संचालन किया जाता है। ऐसे में अब बैंक अपने ग्राहकों को बढ़ी हुई प्रीमियम दरों के बारे में जानकारी भेजकर न्यूनतम बैलेंस के साथ 456 रुपये खाते में रखे जाने की सूचना दे रहे है।
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना की वार्षिक प्रीमियम ₹330/ रखी गई थी।साथ ही प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के अंतर्गत धारक को मात्र ₹12/ में 2 लाख रुपये का दुर्घटना जीवन बीमा दिये जाना है।लेकिन विगत दिनों केंद्र सरकार ने दोनों बीमा योजनाओं के प्रीमियम में वृद्धि कर दी है।
इस स्कीम के अंतर्गत अगर बीमा धारक की किसी कारण से मृत्यु हो जाती है। उस स्थिति में परिवार के नॉमिनी को 2 लाख रुपये की धनराशि दी जाती है। और स्थायी आंशिक अक्षमता के लिए 1 लाख रुपये की जीवन सुरक्षा प्रदान की जाती है।
दरअसल देश में निम्न व मध्यम आय वर्ग के लिए ही भारत सरकार ने इन दोनों योजनाओं की शुरुआत की थी।पर अब केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के प्रीमियम को ₹330/ से बढ़ा कर ₹436/ व ₹12/ को बढ़ा कर ₹20/ कर दिया है।
कुलमिलाकर केंद्र सरकार द्वारा जनहित में शुरू की गई इस बीमा योजना का लाभ आमजन को सस्ते में दिए जाने का ऐलान तो किया गया पर अब जबकि उत्तरप्रदेश जैसे बड़े राज्यों में विधानसभा चुनावों में भाजपा को भारी विजयश्री हासिल हो चुकी है।इस विजयश्री के बाद आमजन के ऊपर बीमा लाभ देने के नाम पर बोझ डाला जाना कितना वाज़िब कदम कहा जायेगा..?
केंद्र सरकार का कहना है कि इन योजनाओं की वजह से भारी नुकसान उठाना पड़ रहा था। इसलिए प्रीमियम को बढ़ाया गया है। इस योजना के लॉन्च से लेकर 31 मार्च तक प्रीमियम के जरिए 1134 करोड़ रुपये जमा हुए हैं।जबकि लगभग 2,513 करोड़ रुपये का क्लेम चुकाना पड़ा है।देश मे किसानों,बेरोजगारों को व खाद्य सब्सिटी के नाम पर अरबों का राशन बांटा जा सकता है।नेताओं की सुरक्षा,सेवाओं,पेंशन पर करोड़ों खर्च किया जा सकता है।पर आमजन को बीमा सुरक्षा दिए जाने पर बढ़ते खर्च के बोझ का ज्ञान दिया जा रहा है।