नैनीताल – नैनीताल हल्द्वानी रोड़ पर भी जल्द बुलडोजर गरजने वाला है। सड़कों के किनारे सरकारी व वन भूमि पर दुकान लगाने वालों पर अब जल्द कार्रवाई होने जा रही है। नैनीताल वन विभाग ने बकायदा हल्द्वानी रोड़ पर ऐसी सभी दुकानों का चिन्हिकरण कर लिया है जो वन भूमि में हैं। इसमें दुकानों होटलों के साथ रेस्टोरेंट और छप्पर लगाकर दुकानों को चिन्हित कर लिया है हांलाकि कई फूड़ वैन भी इस सड़क में लगाए जा रहे हैं उन पर भी कार्रवाई की जा रही है। वन विभाग ने मनोरा रेंज में आने वाले इन सभी अवैध दुकानों पर लाल रंग से क्राँस का निशान लगाया है जिसके बाद अब इनको नोटिस देने की तैयारी है। नैनीताल डीएफओ बीजू लाल टीआर ने कहा कि वन विभाग की जमीनों पर जो भी कब्जे हैं उनको तत्काल हटाया जायेगा क्योकि ये आग लगने के कारण भी हो सकते हैं। डीएफओ ने कहा कि उप्पर से आदेश हैं कि इनको तत्काल हटाया जाए जिसके बाद चिन्हिकरण कर दिया गया है सभी को कहा गया है कि अगर उनकी जमीन के उनके पास कोई दस्तावेज हैं तो वो दिखाएं। कानून के जानकार हाई कोर्ट के वकील दुष्यंत मैनाली कहते हैं कि अगर वन भूमि में अतिक्रमण है तो वन संरक्षण अधिनियम 1980 की धारा 2 का उलंघन है और ये वन अपराध भी है ऐसे मामलों में डीएफओ को पावर है कि वो अपने यहां मुकदमा चला सकते हैं और सजा कर सकता है या फिर मजिस्ट्रेट के वहाँ भी मामले को भेज सकता है, ऐसे मामलों में 3 साल से लेकर 7 साल की सजा का प्रावधान कानून में है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
अन्य सड़कों पर भी कार्रवाई करेगा नैनीताल जिला प्रशासन..
इसके साथ ही नैनीताल जिला प्रशासन भी ऐसे दुकानदारों पर कार्रवाई करने जा रहा है जो अवैध रुप से सड़कों के किनारे पर दुकानें अवैध तरिके से संचालित कर रहे हैं। इसके तहत नैनीताल कालाढुंगी मार्ग भवाली नैनीताल सड़क के साथ नैनीताल शहर में पढने वाले पर्यटन स्थल भी शामिल हैं। नैनीताल डीएम धीराज गर्ब्याल ने कहा कि झीलों के किनारे और पर्यटन स्थलों में अतिक्रमणकारियों पर कार्रवाई जल्द की जायेगी..डीएम नैनीताल ने कहा कि लगातार ऐसे दुकानों की संख्या बढती जा रही है जो बाद में अतिक्रमण कर पक्का बन रहा है। वहीं सड़कों के दोनों तरफ अतिक्रमण पर वकील दुष्यंत मैनाली कहते हैं कि किसी भी तरह का अतिक्रमण लोक निर्माण विभाग और एनएच में नहीं किया जा सकता है अगर ऐसे मामले सामने आते है कि अधिकारी को तत्काल हटाना होगाऔर अगर ऐसा नहीं करता है तो वो अधिकारी एसकके लिए जिम्मेदार माना जायेगा। दुष्यंत मैनाली कहते है कि साल 2018 में ऐसे अतिक्रमण को रोकने के लिए एक्ट लेकर आई थी और पंतनगर नगला अतिक्रमण मामले में सुनवाई के दौरान सरकार ने इस एक्ट की जनकारी कोर्ट में दी थी और नए अधिनियम को लागू करने की बात कही ताकि अतिक्रमण नहीं हो सके हाई कोर्ट वकील दुष्यंत कहते हैं कि इस एक्ट की जानकारी अतिक्रमणकारी तो छोड़ो विभाग के अधिकारियों को भी नहीं है प्रचार प्रसार की कमी से सड़कों के चारों तरफ अतिक्रमण बढ़ रहा है।