कहीं इसी काली कमाई के लिए तो नहीं किया था मंडी में सौंदर्यीकरण का विरोध….नैनीताल मंडी में बाहरी का कब्जा…इन दुकानदारों से 500 की वसूली कर जेब भर रहे हैं कुछ रसूखदार,,,पालिका के सामने मंडी शुल्क और तय बाजारी के सरकारी खजाने पर डांका…

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नैनीताल – नैनीताल की सब्जी मंडी पर भी धीरे धीरे बाहरी विशेष समुदाय के लोगों का कब्जा हो गया है। हल्द्वानी कालाढुंगी से आकर विशेष समुदाय के लोग मंडी में अवैध दुकानें लगा रहे हैं और सरकार को भी राजस्व का चूना लगा रहे हैं। ये दुकानदार ना तो मंडी शुल्क भरते हैं और ना ही पालिका को ही तय बाजारी का शुल्क दे रहे हैं। इस सब में बड़ी बात ये है की स्थानीय लोग और कुछ आढ़ती इनको यहां बैठा रहे हैं और इन दुकानदारों से 300 से 500 रुपये तक लेकर अपनी जेबें गर्म कर रहे हैं जो सरकार के खजाने पर सीधा डांका है। गजब की बात तो ये है कि इनको हटाने के लिए व्यापार मंडल भी कोई प्रयास नहीं कर पता। कुछ बाहरी दुकानदारों से हमने बात की और हमने पूछा कि क्या उनके पास पालिका से कोई आदेश है दुकानें लगाने का तो उन्हौने का की वो मंडी में दुकानें लगाने के लिए हल्द्वानी और कालाढुंगी से आते हैं और दुकान लगाने के लिए पैंसा भी देते हैं।

कहीं इसी कमाई के लिए तो नहीं हुआ सौन्दर्यकरण का विरोध…..

दरअसल नैनीताल डीएम धीराज गर्ब्याल ने नैनीताल बाजार को पहाड़ी शैली में विकसित करने का काम शुरू किया है जिसके तहत खड़ी बाजार का काम लगभग पूरा हो गया है। एक महीने पहले डीएम ने रामलीला मैदान के साथ मंडी वाले स्थान का काम शुरू होना था जिसका स्थानीय व्यापारियों में विरोध शुरू कर दिया, इस विरोध के बाद सवाल भी उठने लगे कि कहीं मंडी की इस काली कमाई को हाथ से जाते देख तो इसका विरोध नहीं हो रहा है। दरलसल प्रसाशन पहले ही साफ कर चुका है कि काम होने के बाद मंडी में वही दुकान लगा सकेगा जिसको पालिका की अनुमति होगी। प्रशासन के कहा है कि मंडी फ्रूट मार्किट को रजा क्लब वाले स्थान पर शिफ्ट किया जाएगा ताकि टूरिस्टों को एक नया स्थान मिल सकेगा। आपको बतादें की नैनीताल मंडी में 8 के करीब आढ़तियों को अनुमति है तो 5 फड लगाने की पालिका से अनुमति है जिनको सिर्फ 11 बजे तक ही दुकानें लगाने की छूट दी गई है लेकिन नैनीताल मंडी में इसका उल्टा है यहां 30 से ज्यादा फड लग रहे हैं तो जिनको 11 बजे तक कि अनुमति है वो भी रात तक दुकान सजा रहे हैं।