रिपोर्ट (चन्दन सिंह बिष्ट) स्टार खबर भीमताल ओखलकांडा
भीमताल: सरकार चाहे लाख दावे कर ले लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है आज भी कई ग्रामीण क्षेत्र ऐसे हैं जहां सड़क स्वास्थ्य और शिक्षा का अभाव है विकासखंड ओखलकांडा के ढोलीगांव ग्रामसभा के तल्ली डनसीली के लोग विकास से कोसों दूर हैं. आज भी यहां के लोगों को मूलभूत सुविधाओं के अभाव में जीवन यापन करना पड़ता है. सबसे ज्यादा परेशानी तब होती जब गांव का कोई शख्स बीमार पड़ जाता है. गांव में स्वास्थ्य सुविधा न होने के कारण लोगों को मीलों का सफर पैदल तय करना पड़ता है. वहीं वर्षों से पैदल सफर करना ग्रामीणों की नियति बन गई है. मामला भीमताल विधानसभा के ओखलकांडा ग्रामसभा के ढोलीगांव का है । अचानक हेमा देवी (64) बुजुर्ग महिला की तबीयत खराब हो गई , जिसे ग्रामीणों ने डंडी-कंडी के सहारे 4 किलोमीटर कुर्सी पर रखकर सड़क मार्ग तक पहुंचाया वहां से गाड़ी बुक करके 120 किलोमीटर दूर हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती करवाया। जहां हेमा देवी (64) का उपचार चल रहा है । वहीं त्रिलोचन जोशी ने बताया कि अगर हमारे क्षेत्र में अच्छा हॉस्पिटल होता और सड़क होती तो हम नजदीक में अपनी माताजी का उपचार कराते यह सब नहीं होने के कारण हम हल्द्वानी 120 किलोमीटर दूर अपनी मां को लाए हैं ।
बता दें कि, उत्तराखंड में आज भी कई ऐसे गांव हैं जहां लोगों के पास मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं. गांवों तक सड़क तक नहीं पहुंची है, जिस कारण लोगों को दिकक्तों का सामना करना पड़ता है. अगर कोई बीमार पड़ जाए तो उसे ग्रामीण खतरनाक पहाड़ी रास्तों को पार कर अस्पताल पहुंचाते हैं. पहाड़ों से अक्सर ऐसी तस्वीरें सामने आती रही है जहां ग्रामीण डोली, डंडी-कंडी के सहारे मरीजों, गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाते हुए दिखाई देते हैं. शासन-प्रशासन भी ऐसी तस्वीरों को अनदेखा कर देता है. जिससे ग्रामीण क्षेत्रों के हालात जस के तस बने हुए हैं ।