★. ओखलकांडा के इस स्कूल में टपकती छत के नीचे अक्षर ज्ञान ले रहे हैं नौनिहाल, मरम्मत की लगाई गुहार ।
★. जर्जर स्कूल छत के दिखने लगे है सरिया, दहशत में पढ़ाई कर रहे बच्चे ।
रिपोर्ट – (चन्दन सिंह बिष्ट) “स्टार खबर” भीमताल/ओखलकांडा
भीमताल/ओखलकांडा
पढ़ेगा इंडिया तभी तो बढ़ेगा इंडिया स्लोगन तो आमतौर पर हर जगह लिखा मिल ही जाता है। लेकिन जर्जर और बरसात में टपकती छतों के नीचे कैसे पढ़ेगा इंडिया। शनिवार को स्कूल खुलते ही नैनीताल जनपद के विकासखंड ओखलकांडा के राजकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय कफरौली के हाल बुरे हैं। बारिश के समय स्कूल की छत टपकने लग जाती है। विद्यालय भवन जर्जर होने लगा है। शिक्षा विभाग से इसकी मरम्मत की गुहार लगाई है।
आसमान से इन दिनों बरस रही आफत और स्कूल भवन की छत से टपकता पानी। असुविधाओं का झोल ऐसा कि तमाम दावों के बाद भी स्कूल के बच्चे छत के एक कोने का सहारा लेना पड़ रहा है।
★. रिमझिम बारिश भी पैदा कर देती है चिंता .…
समझा जा सकता है कि हर सुनहरे सवेरे के बीच बच्चे किस कदर सुविधाओं के अभाव में जिंदगी जीने की सीख लेते होंगे। इस वक्त राजकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय कफरौली की तस्वीरौं को देखकर तो यही लगता है, जहां अध्ययनरत बच्चों के सामने रिमझिम वर्षा भी चिंता पैदा कर देती है।
★. जिला मुख्यालय से 105 किमी दूर है स्कूल …
जिला मुख्यालय नैनीताल से करीब 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है विकासखंड ओखलकांडा का राजकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय कफरौली। ग्रामीण परिवेश वाले इस विद्यालय में कफरौली के अलावा दिगौली,कुलौन, काण्डा के बच्चे भी पढ़ने आते हैं।
लेकिन सरकारी शिक्षा व्यवस्था तब हैरत कर देती है जब दूर गांव के इस सरस्वती के आंगन को संवारने की दिशा में चिंतन तो होता है, लेकिन हकीकत में कुछ नहीं। वर्षा के चलते इन दिनों जर्जर हो चला विद्यालय भवन हर रोज विद्यालय परिवार की चिंता बढ़ा रहा है। वर्षा में टपकती छत से छात्र-छात्राएं भी स्वयं को खतरा महसूस कर रहे हैं। इस सब के बीच अब काण्डा दिगौली कुलौन के ग्राम वासियों की नजर शिक्षा विभाग पर टिकी हैं कि कैसे सुविधा और व्यवस्था को दुरस्त बनाकर सरस्वती के आंगन को संवारा जाए।
इस वक्त सुरक्षा के लिहाज से विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक भास्कर चंद्र जोशी और विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष उमेश चन्द्र जोशी ने खंड शिक्षा अधिकारी ओखलकांडा सुलोहिता नेगी फोटो सहित पत्र देकर वस्तु स्थिति से अवगत करा दिया है।
वर्ष 2019 से लगातार ब्लॉक स्तर में और जिला स्तर में भी लिखित रूप से पत्राचार से कई बार अवगत कराया गया है । विद्यालय प्रशासन के मुताबिक वर्ष 2019 में भी विद्यालय की इस माली हालात को देखते हुए विभाग के अलावा जिला आपदा प्रबंधन विभाग में सूचना दी गई थी। लेकिन यह सूचना आज तक धरातल पर आकार न ले सकी। हश्र यह हुआ कि यह विद्यालय तब से सूचना देने तक ही सिमटा रहा।
★2006-7 में हुआ है स्कूल का पुनर्निर्माण ,..
विकासखंड ओखलकांडा क्षेत्र के गत राजकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय कफरौली का निर्माण काफी पुराना है। विद्यालय प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक इस विद्यालय को बने करीब 40 साल हो गये है । स्कूल का 2006-7 में पुनर्निर्माण करवाया गया था लेकिन अब बिल्डिंग 17 साल में ही जर्जर हालत में है ऐसे में समझा जा सकता है कि मौजूदा समय में विद्यालय की छत और उस पर लगा सीमेंट, रेत किस स्थिति में होगी। यही चिंता विद्यालय परिवार व अभिभावकों को सता रही है।