7 अगस्त से 14 अगस्त तक मनाया जाएगा हैंडलूम दिवस :- एडवोकेट विजया लक्ष्मी चौहान
★. हथकरघा हमारे देश की विरासत है. इसका उद्देश्य भारत की विरासत को सहेजना और दुनियाभर में इसकी पहचान बनाना है. -, विजय लक्ष्मी चौहान
रिपोर्ट- ( चन्दन सिंह बिष्ट) “स्टार खबर” हल्द्वानी
हल्द्वानी नैनीताल
प्रदेश सह मीडिया प्रभारी महिला मोर्चा एडवोकेट विजयलक्ष्मी चौहान ने बताया कि प्रदेश संगठन के निर्देशानुसार माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की प्रेरणा से 7 अगस्त से 14 अगस्त तक हैंडलूम दिवस मनाया जाएगा। इस कार्यक्रम में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के द्वारा बनाए गए हैंड मेड प्रोडक्ट की प्रदर्शनी एवं अन्य कार्यक्रमों आयोजित किए जाएंगे।एडवोकेट विजया लक्ष्मी ने संगठन को सुझाव दिया कि शहर के होलसेलर रिटेलर्स आदि को भी इस प्रदर्शनी को बुलाया जाए और उन्हें महिलाओं के द्वारा कोटेशन दी जाए, ताकि महिलाओं को एक बेहतर बाजार मिल सके, जिससे भविष्य में वह सीधे रिटेलर से संपर्क करके अपना सामान अच्छे दामों पर बेच सकें। इंग्लैंड से एमबीए करके लौटी एडवोकेट विजया लक्ष्मी चौहान ने कहा “जैसा कि हम सभी जानते हैं व्यापार में सामान का उत्पादन उतना महत्वपूर्ण नहीं है जितना उसका विवरण यानी मार्केटिंग महत्वपूर्ण है।” इसका उद्देश्य भारत के पारंपरिक सांस्कृतिक विरासत की रक्षा करना और इस क्षेत्र में विकास करना तथा श्रमिकों को सशक्त बनाना है।
★. भारत की विरासत है हैंडलूम
हैंडलूम भारत की विरासत है, इसलिए इसका महत्व भी काफी है. आंध्र प्रदेश की कलमकारी, गुजरात की बांधनी, तमिलनाडू का कांजीवरम और महाराष्ट्र की पैठनी कुछ ऐसे हैंडलूम हैं, जिन्हें हथकरघा यानी हैंड-वर्क से बनाया जाता है. इसमें एक लंबा वकत् लगता है. यही कारण है कि हैंडलूम उद्योग को भारत की सांस्कृतिक विरासत का एक जरुरी भाग माना जाता है. यह बड़ी संख्या में लोगों के रोजगार का साधन भी है. इस क्षेत्र में अकेले 70 प्रतिशत महिलाएं ही काम करती हैं ।