नैनीताल – भीमताल में एकल सदस्यीय समर्पित आयोग (अन्य पिछड़ा वर्ग) द्वारा जनपद नैनीताल के विकासखंड ओखलकांडा, रामगढ़, बेतालघाट व धारी तथा शहरी नगर निकाय भीमताल व भवाली क्षेत्र के अंतर्गत अन्य पिछड़ा वर्ग सर्वेक्षण से संबंधित जन सुनवाई की गई। जन सुनवाई के दौरान अन्य पिछड़ा वर्ग समुदाय के जनप्रतिनिधियों द्वारा माननीय आयोग के समक्ष अपनी समस्याएं रखी गई। बैठक में एक कल दसवीं समर्पित आयोग के अध्यक्ष न्यायाधीश बी ए वर्मा ने कहा कि सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग के आरक्षण के प्रति पूर्ण रूप से प्रतिबंध है। कार्यक्रम मे अपर सचिव पंचायती राज ओमकार सिंह ने कहा कि शासन द्वारा पंचायती राज को मजबूत करने के लिए हर संभव प्रयास जा रहे हैं । विकास खंड बेतालघाट के अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रधान संगठन के उपाध्यक्ष द्वारा अनुरोध किया गया कि समस्त ग्राम पंचायतों को पंचायती राज एक्ट की प्रति उपलब्ध कराई जाए साथ ही सूचनाएं उपलब्ध कराए जाने का अनुरोध किया गया। इसके अतिरिक्त विकास खंड स्तरीय अधिकारियों द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग सर्वेक्षण कार्य में लगी आंगनबाड़ी कार्यकर्तियो के मानदेय हेतु अनुरोध किया गया। आयोग के अध्यक्ष व अपर सचिव पंचायती राज महोदय द्वारा समस्याओं के निराकरण का आश्वासन दिया गया। साथ ही सर्वेक्षण में लगी आगनबाडी कार्यकत्रियों को शीघ्र मानदेय दिए जाने का आश्वासन दिया गया। माननीय आयोग द्वारा एक सप्ताह के अंतर्गत पंचायती राज एक्ट की प्रति समस्त ग्राम पंचायतों को उपलब्ध कराए जाने हेतु निर्देशित किया गया। साथ ही शहरी निकाय के अधिकारियों को शहरी क्षेत्र के अंतर्गत निकट भविष्य में संभावित अन्य पिछड़ा वर्ग सर्वेक्षण कार्यक्रम हेतु ट्रिपल टेस्ट आदि प्रक्रिया के संबंध में आवश्यक निर्देश देते हुए निष्पक्ष सर्वेक्षण कार्य के संपादन हेतु निर्देशित किया गया । कार्यक्रम में ग्राम प्रधान संगठन के जिलाध्यक्ष हीराबल्लभ बधानी ने ग्राम पंचायत की समस्याओं को रखा। कार्यक्रम में भवाली नगर निकाय के अध्यक्ष संजय वर्मा ने नगर पंचायत एवं अन्य पिछड़ा वर्ग की समस्याएं रखी।
कार्यक्रम में उपनिदेशक पंचायत राज मनोज तिवारी, जिला पंचायत राज अधिकारी सुरेश बैनी, सहायक जिला पंचायत राज अधिकारी असलम अली, राजेंद्र प्रसाद टम्टा तनवीर असगर, एनडी भट्ट, जगदीश पन्त, विनोद कुमार भट्ट , गोपाल वर्मा, प्रकाश कांडपाल, दिनेश जोशी , हेम आर्य, कैलाश गोस्वामी, राकेश प्रसाद, अशोक जोशी, अर्जुन राणा सहित भारी संख्या में जनप्रतिनिधिभी शामिल थे।