नैनीताल – नैनीताल के युवा दीपक बिष्ट को आज नैनीताल में सम्मानित किया गया है। बीडी पाण्डे जिला अस्पताल में आयोजित कार्यक्रम के दौरान डाँक्टरों की टीम ने दीपक बिष्ट को समाज में उनके कार्यों और नई जानकारी लोगों के बीच रखने के योगदान के लिये इनको सम्मानित किया है। जिला अस्पताल की पीएमएस वी के पूनेरा के साथ डाँक्टर एम एस दुग्ताल,अनिरुद्ध गंगोला समेत अन्य डाँक्टर और स्टाफ मौजूद रहे।
दरअसल मौका था नैनीताल के बीडी जिला अस्पताल के स्थापना दिवस कार्यक्रम का और ये बर्थडे नैनीताल के दीपक बिष्ट ने ही 5 साल पहले शुरु किया था जो आज भी लगातार मानया जा रहा है। इस दौरान केट काटा गया और स्थापना दिवस को धूमधाम से मनाया गया..इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि दीपक बिष्ट ने इस शहर के लिये बहुत काम किया और ऐसे एतिहासिक कार्यक्रम इनके द्वारा लगातार आयोजित किये जा रहे हैं। इस मौके पर दीपक बिष्ट ने कहा कि 17 अक्टूबर 1894 में इस अस्पताल का निर्माण भारतीय लोगों को लिये बनाया गया था जब्कि अंग्रेजों के ईलाज के लिये रैम्जे अस्पताल की स्थापना की गई थी..शहर के भारतीय लोगों को बीडी पाण्डे जिला अस्पताल में ही ईलाज की सुविधा उस दौरान से मिलती आ रही है। दीपक बिष्ट ने कहा कि इस अस्पताल का निर्माण सर हाँक्स चाल्स ट्रोड़ क्राँसथवेथ ने किया था जो उस समय उत्तरी पश्चिमी प्रांत के ले0 गर्वनर और चीफ कमिश्नर आगरा अवध थे।
इतिहास को लोगों तक पहुंचाने मे जुटे हैं दीपक….
सिर्फ बीड़ी पाण्डे ही नहीं बल्कि पिछले 17 सालों से दीपक बिष्ट नैनीताल का बर्थडे भी मना रहे हैं। इसके लिये सबसे पहले नैनीताल के अनिता रेस्टोरेंट से शुरुआत की गई थी जिसमें स्व0 प्रताप सिंह बोरा और स्व0 एलएक्स पीटर द्वारा इस कार्यक्रम को आयोजित किया गया..धीरे धीरे इसमें लोगों का जुड़ाव हुआ और आज बड़ी संख्या में नैनीताल के बर्थडे में ना सिर्फ लोग जुड़ते हैं बल्कि नैनीताल की सलामती के लिये सभी धर्मों के लोग एक साथ मिलकर पूजा पाठ का आयोजन करते हैं। इसके साथ ही दीपक ने नैनीताल राजभवन का भी बर्थड़े मनाते हैं जो पिछले 4 सालों आयोजित होता आ रहा है। दीपक बिष्ट कहते है कि इन एतिहासिक स्मारकों का बर्थडे मनाके का मक्सद हमारी धरोहर हमारी सरोवर की परिकल्पना को साकार रखने और संरक्षित करने की पहल है और वो अलग अलग स्थानों पर जाकर शहर और पूराने दस्तावेजों को भी संरक्षित करने में जुटे हैं।
दरअसल नैनीताल के दीपक बिष्ट मल्टी टैलेंटेड युवा है कांच खाने के साथ वो केंचुआ भी खा लेते हैं साथ ही रात रात भर जंगल और श्मशानघाट में भी अकेले रात बिता लेते हैं, एसकके साथ सुई से खुद के गालों के आरपार भी कर देते हैं।