नैनीताल – नैनीताल में रिजर्व फॉरेस्ट यानि नैना देवी बर्ड कंजर्वेशन में सड़क निर्माण को लेकर अपना रसूख का इस्तेमाल कर रही उप निदेशक पर्यटन पूनम चंद की मुश्किलें बढ़ने जा रही हैं। उत्तराखंड हाई कोर्ट ने पूरे मामले में सड़क निर्माण पर रोक लगाते हुए सरकार, पर्यटन सचिव के साथ बिल्डर उपेंद्र जिंदल,पूनम चंद को नोटिस जारी किया है कोर्ट ने जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। आपको बतादें की पंगुट बुधलाकोट के प्रधान ललित ने जनहित याचिका दाखिल कर रिजर्व फॉरेस्ट में नियम विरुद्ध सड़क काटने और निर्माण का आरोप लगाया है। याचिका में कहा गया है कि इस पूरे खेल में अतिरिक्त निदेशक पर्यटन ने अपने रसूख का इस्तेमाल कर फायदा दिलाया क्योंकि यहां पर जमीन पूनम चंद मिलकर होटल निर्माण करवाना चाहती है जबकि ये गांव का रास्ता है। याचिका में कहा कि इसकी शिकायत सरकार से की लेकिन कोई कार्रवाई ही नहीं हुई है। प्रधान द्वारा दाखिल याचिका में कहा गया है कि इस पूरे मामले में बिल्डर पर एफआईआर दर्ज हो,सड़क की अनुमति बंद हो जेसीबी को तत्काल रोका जाए। याचिका में कहा है कि बिल्डर द्वारा वनों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। याचिकाके दोषियों कार्रवाई की मांग की गई है। हाई कोर्ट के वकील कार्तिकेय हरि गुप्ता ने कहा की ये बर्ड कंजर्वेशन है और ये संरक्षित एरिया है यहां जेसीबी की अनुमति दी ही नही जा सकती थी लेकिन पूनम चंद ने अपने रसूक का इस्तेमाल किया अब सभी पर कार्रवाई की मांग है।