बीजेपी नेता के हत्या आरोपी बेटे को क्यों नहीं मिला कोई वकील…..हाई कोर्ट में क्यों फिर पहुंचा अंकिता से जोड़कर पुराना मामला….पढ़ें पूरी खबर .

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नैनीताल – अंकिता भंडारी हत्याकांड के बाद उत्तराखंड में राजस्व पुलिस पर उठा सवाल फिर हाई कोर्ट पहुंचा है। देहरादून की एक संस्था ने याचिका दाखिल कर राजस्व पुलिस को खत्म करने की मांग उठाई है। हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस विपिन सांघी व जस्टिस रमेश खुल्बे की कोर्ट ने मुख्य सचिव डीजीपी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। कोर्ट ने मुख्य सचिव की शपथ पत्र के साथ पूछा है कि क्यों 2018 के आदेश का पालन आज तक नहीं किया गया। याचिका में कहा गया है कि साल 2018 में उत्तराखंड हाई कोर्ट ने राज्य में राजस्व पुलिस को खत्म करने का आदेश दिया था लेकिन उस आदेश का पालन नहीं उठा। याचिकाकर्ता ने कहा कि अगर ये आदेश लागू हो जाता तो अंकिता की गुमसुदगी पर रेगुलर पुलिस उसको तत्काल खोज निकालती। याचिका में 2018 के आदेश को लागू करने की मांग की है।

आरोपियों के लिए कोई वकील तैयार नहीं

वहीं अंकिता के हत्या आरोपियों को कोर्ट में जमानत नहीं मिल सकी है। कोटद्वार न्यायिक मजिस्ट्रेट भावना पांडे की कोर्ट में आज जमानत याचिका पर सुनवाई होनी थी लेकिन सुनवाई नहीं हो सकी है। कोटद्वार बार एसोसिएशन द्वारा सामूहिक निर्णय लिया है कि इन आरोपियों का केस वो नहीं लडेंगे। हालांकि विधिक सेवा प्राधिकरण ने आरोपियों को वकील दिया था मगर आरोपियों के वकील ने जमानत याचिका का प्रार्थना पत्र वापस ले लिया था। आपको बतादें की बीजेपी नेता के रिजॉर्ट में अंकिता भंडारी की हत्या कर दी गयी जिसमें नेता का बेटा पुलकित आर्य समेत अन्य आरोपी है जो जेल में हैं।