नैनीताल – राज्य में प्लास्टिक बैन के मामले में हाई कोर्ट सख्त है। कोर्ट ने आज उन डीएम को अंतिम मौका दिया है जो अपना शपथ पत्र प्लास्टिक बैन के आदेश पर कोर्ट में दाखिल नहीं किया कोर्ट ने एसकके लिए 8 सितंबर तक का टाइम दिया है।
नैनीताल के डीएम ने अपने शपथ पत्र में कहा है कि जिले में कहीं भी सिंगल यूज प्लास्टिक नहीं है कोई भी केश नैनीताल जिले में प्लास्टिक का नहीं रहा है और ना ही रिकवरी प्लास्टिक की हुई है इतना ही नहीं डीएम नैनीताल ने कहा है कि नैनीताल में सार्वजनिक स्थानों पर कूड़ा नहीं है। वहीं हल्द्वानी में कूड़ा फैलने पर नगर निगम के अधिकारी कोर्ट में पेश हुए और कहा कि जहां पर कूड़ा फैला था उसको हटाया जा रहा है साथ ही वहां सौन्दर्यकरण होना है कोर्ट ने इस पर भी 4 हफ़्तों में जवाब मांगा है। कोर्ट ने सभी डीएम और सरकार को कूड़ा निस्तारण के लिए 2017 में बने रूल्स का पालन करने को कहा है।
आपको बतादें की अल्मोड़ा के जितेंद्र यादव की जनहित याचिका पर हाई कोर्ट ने राज्य में प्लास्टिक बैन करने का आदेश दिया था कोर्ट ने अपने आआदेश मे कहा था कि जो प्लास्टिक निर्माता कंपनी को राज्य प्रदूषण बोर्ड में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा ऐसा नहीं करने पर उसके उत्पादों को राज्य में बैन किया जाए। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि इन कंपनियों को नगर निगम,पालिकाओं और ग्राम पंचायतों को भी प्लास्टिक निस्तारण के लिए पैंसा भी देना होगा। इस आदेश पर कोर्ट ने प्रोग्रेस रिपोर्ट सरकार और डीएम से मांगी थी लेकिन कई अधिकारी रिपोर्ट ही फाइल नहीं कर सके। इस मामले में याचिकाकर्ता के वकील दुष्यंत मैनाली ने कहा कि जो शपथ पत्र डीएम ने दाखिल किया है वो एकदम तथ्यहीन है और बाजारों में खुले तौर पर प्लास्टिक बिक रहा है। इसके बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ता को कहा कि आप इस पर एक रिपोर्ट फाइल करें कि किन आदेशों का पालन हुआ किसका नहीं कोर्ट इस मामले की अब सुनवाई 8 सितंबर को करेगी।