झण्डे का ना करें अपमान…..नहीं तो 3 साल की हो सकती है सजा…झण्डे घर पर लगाने के क्या है नियम जानें जरुर नहीं तो झंड़ा संहिता के तहत हो सकती है कार्रवाई……..

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नैनीताल – राष्ट्रीय ध्वज हमें देश प्रेम के साथ हमें देश भक्ति की उर्जा भी देता है.. आजादी के 75वें साल के अ‌वसर पर हर घर तिरंगा अभियान चलाया जा रहा है सरकार से लेकर विपक्ष तक तिरंगा हाथों में लेकर गांव शहर तक यात्रा में जुटे हैं तो अधिकारी भी इस अभियान को सफल बनाने में जुटे हैं लेकिन राष्ट्रीय ध्वज के कुछ नियम भी हैं अगर इनका उलंघन हुआ तो जुर्माने के साथ कैद भी हो सकती है।

इन नियमों का करें पालन नहीं तो जाना पड़ेगा जेल..

हांलाकि झंड़े को लेकर अभियान के साथ इसके कुछ नियम भी हैं। 2002 के झंड़ा संहिता को केन्द्र सरकार ने 2022 को संसोधन कर इसे रात को भी घरों में फहराने की अनुमति दे दी है लेकिन इससे उप्पर कुछ भी नहीं होना चाहिये, राष्ट्रीय ध्वज सम्मान की स्थिति में हो तो फटा मैला और कटा ध्वज नहीं हो और उसमें कुछ भी लिखा ना हो..राष्ट्रीय ध्वज पानी में ना डूबोया हो और सड़कों पर भी ये नहीं फैंका जाए। इसके साथ ही कोई अन्य झण्ड ना तो इस राष्ट्रीय ध्वज से उंचा हो ना ही इसके बराबर हांलाकि कानून के जानकार व जिला अदालत बार एसोसिएशन के सचिव दीपक रुवाली कहते हैं कि ध्वज संहिता में कठोर नियम भी हैं राष्ट्र ध्वज का अगर कोई अपमान जाने अंजाने में करता है तो उसको 3 साल की सजा और जुर्माना हो सकता है रुवाली कहते हैं कि ध्वज का सम्मान सभी को करना होगा….

झंडा फहराने के नियम.
– जब भी राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शित किया जाता है तो वह सम्मान की स्थिति में होना चाहिए
– राष्ट्रीय ध्वज अगर क्षतिग्रस्त हो, जरा भी फटा हो तो उसे प्रदर्शित नहीं किया जाना चाहिए
– राष्ट्रीय ध्वज पर कुछ भी लिखा या छपा नहीं होना चाहिए
– किसी अन्य ध्वज या झंडे के साथ एक ही यानि समान उंचाई  पर ना हो और राष्ट्रीय ध्वज से उप्पर कोई किसी भी तहर का ध्वज नहीं हो, उनके बराबर ऊंचाई से झंडा ना फहरायें
– किसी भी प्राइवेट वाहन पर झंडा नहीं फहराया जाना चाहिए
– वाहन में झंडा लगाने के लिए ध्वज संहिता के भाग 3 की धारा में प्रावधान निहित किए गए हैं.
– राष्ट्रीय ध्वज में केसरिया रंग सबसे ऊपर होना चाहिए
– जब तिरंगा लंबवत या ऊर्ध्वाधर प्रदर्शित किया जाता है तो केसरिया रंग की पट्टी दाईं ओर होनी चाहिए
– जहां तक संभव हो ध्वज संहिता के भाग.1 में निर्धारित विनिर्देशों के अनुरूप ही तिरंगा प्रदर्शित होना चाहिए
– कोई अन्य झंडा राष्ट्रीय ध्वज से ऊपर या बराबर नहीं होना चाहिए
– फूलमाला या प्रतीक सहित कोई भी चीज राष्ट्रीय के ऊपर नहीं होनी चाहिए
– महत्वपूर्ण राष्ट्रीय या सांस्कृतिक कार्यक्रमों और खेलों के दौरान जनता को कागज से बने ध्वज को लहराने की अनुमति दी गई है
– समारोह समाप्त हो जाने के बाद कागज के झंडे को विकृत नहीं किया जा सकता
– ऐसे झंडों को फेंका भी नहीं जा सकता, इनका एकांत में पूरे सम्मान और मर्यादा के साथ निपटान किए जाने का प्रावधान है

तिरंगा अभियान में जुटे नेता और अधिकारी…

इधर केन्द्र सरकार के आवाहन हर घर तिरंगा यात्रा अभियान के बाद बाजारों में इस बार झंड़ों की ब्रिक्री भी खासा बढ गई है। इस अभियान से जुड़ने के लिये लोग झण्डा खरिद रहे हैं तो राजनैतिक दल भी इस अभियान को खासा उत्साह से मनाने मे जुटे हैं। बीजेपी हर घर तिरंगा यात्रा तो कांग्रेस भारत जोड़ो तिरंगा यात्रा का इवेंट को खास बनाने में जुटे हैं… वहीं नैनीताल जिले में तो 2 लाख 50 हजार घरों को घर तिरंगा से जोड़ा जा रहा है। 13 से 15 तक सरकारी तौर पर चलने वाले इस अभियान के लिये बकायदा 2 लाख 50 हजार झण्डे खरिदे गये हैं तो कई कार्यक्रम भी इस दौरान किए जा रहे हैं। नैनीताल डीएम धीराज गर्ब्याल ने कहा कि अभियान को सफल बनाने के लिये निर्देश दिए गये हैं और 13 से 15 तक स्कूलों और हर घरों को इससे जोड़ना है शासन के साथ उन्हौने झण्डे की व्यवस्था कर ली है लेकिन सभी लोगों से अपील है कि ध्वज का सम्मान बनाए रखें।