नैनीताल – आज से शारदीय नवरात्रि शुरु हो गई हैं नैनीताल के मन्दिरों में भी माँ के दर्शनों के लिेय भीड़ उमड़ी है। सुबह 4 बजे से ही स्थानीय भक्तों के साथ पर्यटकों ने नयना देवी मन्दिर में मत्था टेका और परिवार की खुशहाली की कामना की है। इस दौरान देश भर से आये भक्तों ने लाइन में लगकर माँ नयना की अराधना की है। दरअसल शारदीय नवरात्रि को सर्वश्रेष्ठ माना जाता और 9 दिनों तक नौ देवियों की पूजा का लाभ मिलता है इस दौरान होने वाली देवी की पूजा शक्ति ज्ञान,,आनंद,सुख,समृद्धि संतोष धन यश की प्राप्ति होती है। नैनीताल की नयना देवी के लिये कहा जाता है कि नयना देवी ने हर किसी की मनोकामना पूरी की और आंखों की ज्योति कई लोगों की लौकर आई है। पर्यटक मिनी ने कहा कि नैनीताल की नयना देवी मन्दिर के बार में सुना था लेकिन आज नवरात्रि के दिन माँ नयना के दर्शन का लाभ मिला है माँ ने हमेशा कामना की है आगे भी आर्शिवाद मिलेगा।
क्या है मन्दिर की कहानी…
विश्व विख्यात शक्ति पीठ नयाना देवी का मन्दिर 51 शक्तिपीठों में स एक है. कहा जाता है कि यहां माँ सती की आंख गिरी थी यही कारण भी है कि इस मन्दिर का नाम नयना देवी पड़ा..स्थानीय पुजारी कहते है कि प्राचीन काल में माँ सती के पिता दक्ष प्रजापति ने यज्ञ का आयोजन किया था
जिसमें सभी देवताओं को बुलाया लेकिन इस यज्ञ में देवी सती और भोले शंकर को नहीं बुलाया..इस पर सती क्रोधित हो गई औ्रर पिता के इस आयोजन में जाकर यज्ञशाला में कूद गई। कहा जाता है कि जब शिव क्रोधित होकर माता सती के अधजले शरीर को लेकर आकाश मार्ग से जा रहे थे और ब्रह्मांड़ के भ्रणण के दौरान जहां जो अंग सती का गिरा उसी के अनुसार शक्तिपीठों की स्थापना की गई।
मन्दिर के चमत्कार…
नयना देवी मन्दिर के प्रति लोगों की आस्था गहरी है और कई बार माँ ने चमत्कार भी किये हैं इस मन्दिर में देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोगों की आस्था देखी गई है और श्रृधालु यहां आते रहे हैं। कै कहा जाता है की नयना के इस दरबार से कोई भी खाली हाथ नहीं जाता है और कई लोगों की आखों की रोशनी भी लौटकर आई है। मन्दिर के पूजारी नवीन तिवाड़ी बताते हैं कि नेपाल की युवती आखों की ज्योति इसी माँ की कृपा से लौटकर आई है और वो परिवार आज भी हर साल इस मन्दिर में नवरात्र में मत्था टेकने जरुर आता है। इसके साथ ही कई बार नयना के दरबार की कई चमत्कार देखने को मिले हैं।