सुनो कमिश्नर……..हम तो हाई कोर्ट की नहीं मानते आप कौन होते हो…..खुद वीडियो शूट कर कमिश्नर ने दिए थे निर्देश…पालिका के अधिकारी भी नहीं करते कमिश्नर दीपक रावत के आदेश का पालन…

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नैनीताल – नैनीताल में हाई कोर्ट के आदेश के बाद कमिश्नर दीपक रावत ने भले ही रेहड़ी पटरी दुकानदारों को लेकर कार्रवाई करने के साथ हाई कोर्ट ले आदेश का अनुपालन करने के निर्देश दिए हों लेकिन नैनीताल में फड कारोबारी मानने को तैयार नहीं हैं। शाम 4 बजे से फड लगाने के आदेश कोर्ट ने दिए हैं लेकिन नैनीताल में सुबह से ही अवैध दुकानें लग रही हैं, खाने पीने से लेकर कपड़े और अन्य दुकानों का बाजार छुट्टी के दिन तो ऐसा सज रहा है जैसे इनको खुली छूट पालिका और डीएम से लेकर कमिश्नर ने दी हो।

हाई कोर्ट के ये हैं आदेश

उत्तराखंड हाई कोर्ट ने गर्मी और सर्दी को लेकर आदेश दिया है जिसमें 121 फड दुकानदारों को 4 बजे फड लगाने के आदेश दिया है तो शाम 7 से 8 बजे तक ही अनुमति दी गयी है। बावजूद इसके 400 से 500 दुकानें लग रही हैं वो भी सुबह से लेकर रात 11 बजे से तक । हालांकि पिछले दिनों वीडियो बनाते हुए कमिश्नर दीपक रावत ने दौरा इस इलाके का किया और हाई कोर्ट के आदेश का पालन करने का आदेश दिया लेकिन हुआ उसका उल्टा ही,,अवैध दुकानें सजती रही तो पालिका के अधिकारी सिर्फ देखते रहे, पालिका के सामने सज रहे इन दुकानों पर अब पालिका कर्मचारियों से लेकर अधिकारियों पर सवाल उठ रहे हैं तो ये भी चर्चा आम है कि  कमिश्नर का आदेश भी ठेंगे में यहां रखते हैं। हालांकि कोर्ट के आदेश की हो रही अवमानना पर अभी नितिन कार्की की याचिका पर सुनवाई होनी है पिछले दिनों हुई नितिन कार्की से बातचीत में नितिन ने कहा कि 120 युवाओं की टीम तैयार है जो रोजाना यहां पर फड दुकानें लगाएंगे और बाहरी लोगों को भगाएंगे, इनके लिए बड़े आंदोलन की तैयारी है।

बाहरी लोगों का कब्जा …

दरअसल नियम है कि स्थानीय लोग जिसके पास कोई रोजगार का साधन नहीं वही फड लगा सकता है, लेकिन पंत पार्क में अधिकांश लोग ऐसे है जिनके घर मे 2 से 3 लोग नौकरी करते हैं और घर के 3 से ज्यादा कमरे किराए पर हैं। बावजूद इसके पालिका ने खुली छूट इनको दुकानें लगाने के दिया हैं। नियमानुसार कुछ लोगों को तो टोकरी में रखकर समान बेचने की अनुमति है लेकिन वो भी शोरूम की तरह दुकान लगा रहे हैं वो तब जब 4 गुना 4 का स्पेश इनको दिया गया है। वहीं कुछ दुकानदार कहते हैं कि पालिका इस वजह से कार्रवाई नहीं करती क्योंकि पालिका के ही कई कर्मचारियों के रिस्तेदार यहां फड लगा रहे हैं। वही कई फड दुकानदार तो स्थानीय तो छोड़ो उत्तराखंड के बजाय यूपी बिहार नेपाल दिल्ली के साथ अन्य राज्यों के हैं जो बिना किसी अनुमति के यहां बाजार लगा रहे हैं।