भारत वंशियों का विश्व पटल पर बज रहा है डंका…
ब्रिटिश प्रधान मन्त्री के पद की दौड़ भारतीय मूल के ऋषि सुनक की मजबूत दाबेदारी से एक बार फिर भारत वंशियों का विश्व पटल पर प्रभुत्व सामने आया है।ऋषि सुनक के माता पिता केन्या के नागरिक थे जो कि मूलतः भारत से जा कर केन्या में बस गए थे इसलिए ऋषि सुनक को सच्चे अर्थों में भारत वंशी माना जा सकता है।
विश्व के 15 देशों में 200 भारत वंशियों ने अपनी मेहनत और समर्पण की वजह से राजनीति, समाज सेवा आदि अनेक क्षेत्रों में मुकाम पाया…
भारत वंशियों के महत्वपूर्ण पदों पर आसीन होना महज इंग्लैंड तक ही सीमित नहीं है बल्कि पिछले कुछ सालों के दौरान पुरे विश्व के 15 देशों में 200 भारत वंशियों ने अपनी मेहनत और समर्पण की वजह से राजनीति, समाज सेवा आदि अनेक क्षेत्रों में ऊँचे प्रतिष्ठित पदों को सुशोभित किया है। भारत मूल की लिसा सिंह पहली अप्रवासी महिला थी जो कि ऑस्ट्रेलिया के तस्मानिया प्रान्त में सीनेटर चुनी गयी। उसके पूर्वज बंगाल से चीनी के फार्म में नौकरी के लिए फिजी आए थे।लिसा सिंह बर्तमान में मेलबोर्न आधारित ऑस्ट्रेलिया -इंडिया इंस्टिट्यूट में निदेशक हैं। लिसा सिंह ने ऑस्ट्रेलिया —भारत -जापान -अमेरिका के बीच सामरिक महत्वों के बिषयों पर इंडो –पैसिफ़िक क्षेत्र की सुरक्षा के लिए गठित “क्वाड” (QUAD ) में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी।
भारतीय मूल के सर आनन्द सत्यानन्द बर्ष 2006 से बर्ष 2011 तक न्यूज़ीलैंड के 19 वें गवर्नर -जनरल रहे। उन्होंने एक सफल वकील , जज और लोकपाल की भूमिका भी अदा की। उनके पूर्वज वर्ष 1911 में गन्ने की खेती के लिए फिजी आये थे।जहां से वह न्यूज़ीलैंड चले गए।सर आनन्द सत्यानन्द का कहना है की भारतवंशी लगभग दो सौ साल पहले न्यूज़ीलैंड आये थे। लेकिन वह अब तक भी दो सौ साल से अपने साथ लाई भारतीय सांस्कृति और परम्पराओं को सहेज कर रखे हुए हैं। समृद्ध देश कनाडा में अनेक भारतियों ने सामाजिक आर्थिक क्षेत्रों में ऊँची छलांग लगाई है। जिसमें से भारतीय मूल की राजनेता अनीता आनन्द राष्ट्रीय रक्षा मन्त्री के पद पर आसीन हुई। फिजी की 38 % जनसंख्या भारत मूल की है जोकि ब्रिटिश काल में चीनी मिलों में मुख्यता नौकरी करने के मकसद से फिजी पहुंचे थें। भारतीय मूल के महिंदर चौधरी अनेक प्रतिष्ठित पदों को सुशोभित करने के बाद फिजी के पहले भारतीय मूल के प्रधान मन्त्री बन गए। फिजी की राजनीती में भारत वंशियों की अच्छी पकड़ और धाक मानी जाती है।
विदेशी सरजमीं पर भारतीयों ने फहराया है..परचम…
ऐमी बेरा (अमरीश बाबूलाल बेरा) वर्ष 2013 से अमेरिकी संसद में कैलिफोर्निया के 7 वें संसदीय दल के प्रतिनिधि रहे। वहीं हैरी आनंद वर्ष 2007 में न्यूयॉर्क के मेयर रहे।निकी हैली साउथ कैरोलीना की गवर्नर रही। बॉबी जिंदल को कौन भारतीय भूल सकता है।जिंदल वर्ष 2008 से 2016 तक अमेरिकी राज्य लुइसियाना के गवर्नर रहे।
गुयाना गणराज्य में 40 प्रतिशत जनसंख्या भारत मूल की है और देश के उप राष्ट्रपति भारत जगदेओ भारत वंशी हैं। उनके अलावा भी अनेक प्रवासी भारतीय गुयाना की राजनीति में ऊँचे पदों पर विराजमान हैं।
त्रिनिदाद और टोबैगो की कुल जनसंख्या में 37 प्रतिशत भारतीय मूल की जनसंख्या है और कमला प्रसाद बिसेसर वर्ष 2010 से वर्ष 2015 तक देश .के प्रधानमंत्री रहे।
सूरीनाम में भारत वंशियों की संख्या कुल जनसंख्या का लगभग 27 . 4 प्रतिशत है और बह देश में सबसे बड़ा नस्ली समूह है। भारतीय मूल के प्रताप राधकृष्ण देश के प्रधान मन्त्री और चान संतोखी देश के राष्ट्रपति रह चुके हैं।
अनेक भारत वंशी मॉरिशस में प्रधान मन्त्री, राष्ट्रपति और अन्य ऊँचे पदों पर बिराजमान रहे हैं। मॉरिशस की राजनीती में भारत वंशियों का लम्बे समय से दबदबा है। भारत वंशी सूरकडो मॉरिशस की आज़ादी के आन्दोलन के जन नायक माने जाते हैं। भारतीय मूल में वैवेल रामकलावन बर्ष 2020 से सेशेल्स के राष्ट्रपति के पद पर आसीन है।
भारतीय मूल के परवीन जमनादास गोरधन दक्षिण अफ्रीका में कैबिनेट मन्त्री के पद पर रहे। वह बर्ष 2009 से बर्ष 2014 तक देश के वित्त मन्त्री , बर्ष 2015 से बर्ष 2017 तक देश के सहकारिता मन्त्री तथा फरबरी 2018 से पब्लिक एंटरप्राइज के मन्त्री हैं।
पूर्बी अफ्रीकी देशों केन्या ,यूगांडा और तंज़ानिया में भारतीय समुदाय समाज के हर क्षेत्र में अपना प्रभुत्व रखता है।/ भारतीय मूल के बिद्वान और संविधान विशेषज्ञ यश पाल गुलाटी ने लगभग बीस देशों के संविधान बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।वह केन्या के संविधान समीक्षा समिति के अध्यक्ष भी रहे हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति श्री जोए बिडेन ने भारतीय मूल के 17 नागरिकों को अमेरिकी प्रशासन में महत्वपूर्ण ओहदों पर तैनात किया है।जिसमे उपराष्ट्रपति कमला हैर्रिस भी शामिल है।विनय रेड्डी राष्ट्रपति के भाषण लेखन के निदेशक हैं
इसके अलाबा भारत वंशी अनेक देशों में राजदूत , हाई कमिश्नर के पदों पर कार्यरत हैं। जिसमें से कनाडा के भारत में राजदूत नादिर पटेल भी शामिल हैं।
भारत वंशियों ने पुरे विश्व में अपनी मेहनत , समर्पण , लगनके के बलबूते पर राजनैतिक , सामाजिक , शिक्षा , स्वास्थ्य सहित अनेक क्षेत्रों में अथाह योगदान देकर देशवासियों का मान सम्मान बढ़ाया है। जिससे पुरे विश्व में भारतीयों को इज्जत और सम्मान की नज़र से देखा जाता हैं।
लेखक के बारे में दो शब्द…
नीतिन मेहता लंदन में आधारित इंडियन वेजीटेरियन सोसाइटी के संस्थापक अध्यक्ष हैं और पूरे विश्व में भारतीय संस्कृति के ध्वजवाहक भी हैं।