उत्तराखंड हाईकोर्ट ने वन भूमि,सरकारी भूमि से सभी अतिक्रमण को हटाने के 26 जुलाई को दिए थे आदेश..सरकार को 5 सितंबर तक देना है जवाब…
उत्तराखंड में हाईकोर्ट नैनीताल ने नदी और सड़कों के किनारे अवैध अतिक्रमण हटाने का आदेश दिये हैं जिसके बाद वन विभाग,लोक निर्माण विभाग और जिला प्रशासन द्वारा नैनीताल के भवाली,हल्द्वानी, पतलोट,भीमताल समेत राज्य के अन्य हिस्सों में सड़कों के किनारे अवैध अतिक्रमण को नोटिस देकर ध्वस्त करने को कहा है।जिस पर राज्य सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है।संबंध में जिलाधिकारी नैनीताल ने भी 15 अगस्त तक उक्त अवैध निर्माण को स्वतः हटाये जाने के आदेश किये हैं।विगत दो दिनों से नैनीताल-हल्द्वानी मार्ग में वर्षों से काबिज़ कब्जेदारों ने बेरोजगारी फैलने का डर जताते हुए भारी विरोध शुरू कर दिया था।हांलाकि हाई कोर्ट ने मामले में महेन्द्र सिंह पाल को कहा है कि वो याचिका कोर्ट में लेकर आएं इसके बाद इस पर सुनवाई करेंगे।
इस समय अधिक वर्षा से आपदा आई है और दूसरी आपदा प्रशासन द्वारा जारी कर दी गई है..इससे बेरोजगारी व पलायन बढेगा…-महेन्द्र सिंह पाल पूर्व कांग्रेस सांसद व वरिष्ठ अधिवक्ता नैनीताल…
नैनीताल से पूर्व कांग्रेस सांसद व वरिष्ठ अधिवक्ता महेन्द्र पाल ने अधिकारियों द्वारा जबरन की जा रही कार्रवाई पर रोक की मांग के लिए के उच्च न्यायालय में एक याचिका मेंशन की है। हांलाकि हाईकोर्ट नैनीताल ने ही अवैध अतिक्रमणकारियों को नोटिस देकर उक्त निर्माण कोध्वस्त करने को कहा है।पूर्व कांग्रेस सांसद व वरिष्ठ अधिवक्ता महेन्द्र पाल ने कहा कि जिले के अधिकारियों द्वारा पी.पी.एक्ट के बजाए सीधे कार्यवाही पर सवाल उठाते हुए हाईकोर्ट के कई अधिवक्ताओं ने चीफ जस्टिस कोर्ट में एकतरफा कार्रवाई का विरोध किया है।और इस कार्रवाई को रोकने की मांग की है।उन्होंने कहा कि इससे ना सिर्फ पहाड़ से पलायन बढेगा बल्कि बेरोजगारी भी राज्य में निरंकुश बढेगी।कांग्रेस पार्टी अब आम आदमी की इस लड़ाई को कानूनी तौर पर लड़ेगी।