नैनीताल – पहाड़ में पर्यटन सीजन चरम पर है और नैनीताल में पर्यटकों की भीड़ आ रही है। पिछले एक महिने से नैनीताल में यातायात व्यवस्था पटरी से उतरी हुई है तो आम से लेकर खास तक सभी परेशान हैं हांलाकि नैनीताल में लग रहे ये जाम पुलिस को जाम नहीं लगता है लेकिन अब सोशल मीडिया पर सर्व में अधिकांश लोग पुलिस को 10 में से कोई नम्बर ही देने को तैयार नहीं हैं।
सर्वे में भी पुलिस फेल…
दरअसल नैनीताल में यातायात व्यवस्थाओं को लेकर फेसबुक समेत अन्य प्लेटफाँर्म पर सवाल पूछा गया कि आप पर्यटन सीजन में पुलिस की व्यवस्थाओं में 10 में से कितने नम्बर दोगे जिसमें बड़े ही दिलचस्प नतीजे मिले। अधिकांश लोगों ने पुलिस की व्यवस्थाओं को 0 से लेकर 0000 चार से पांच जीरो तक दिया कुछ ने तो पुलिस पर कटाक्क्ष किया कि अब ग्रेड़ का सिस्टम है नम्बर क्यों देना है। कुछ यूजर्स ने तो 10 में 11 नम्बर सुभ मानकर दे दिया तो एक यूजर ने माइनश 10 अंक दिये कुछ यूजर तो पुलिस और प्रशासन के खिलाफ सोशल मीडिया पर लिखने से बचते रहे लेकिन प्रत्यक्ष मुलाकात में कहा कि जीरो से भी नीचे कुछ देना होता तो वो इस बार दे देते।
इस बार पुलिस रही है फेल..
दरअसल दो साल बाद इस बार पर्यटन सीजन चला तो भीड़ भी पहाड़ पहुंची तो शुरुआत में ही व्यवस्थाएं ध्वस्त हो गई…रुसी बाईपास पर रोकने के बाद भी नैनीताल में दिनभर जाम लगा रहा है तो पैदल चलने वालों के लिये भी जगह नहीं मिल रही है। हांलाकि 2018-19 के पर्यटन सीजन में पुलिस की व्यवस्थाएं उम्दा रही..तत्कालीन सीओ विजय थापा के बेहतर प्रबंधन ने शहर मे जाम नहीं लगने दिया..नैनीताल में लग रहे जाम पर जब हमने खुद रुसी बाईपास पर जाकर मौका मुआयना किया तो देखने को मिला की पुलिस के जवान सिर्फ होटल बुकिंग देखकर लोगों को नैनीताल भेज रहे थे जब्कि उन होटलों में ना तो पार्किंग थी ना ही गाड़ी खड़ी करने की कोई अन्य आस पर व्यवस्थाएं। जब हमने कुछ पुलिस कर्मियों से रुसी बाइपास पर पूछा तो उन्हौने कहा कि बुकिंग देखकर गाडियों को छोड़ रहे हैं। हांलाकि इस मामले पर जब डीआईजी से पूछा तो उन्हौने कहा कि किसी भी गाड़ी को नहीं छोड़ा जा रहा है सभी की होटल बुकिंग और पार्किंग देखकर छोड़ा जा रहा है।
डीआईजी की सभी प्लानिंग अब तक फेल....
दरअसल डीआईजी नैनीताल के यातायात को सुधारने के लिए खाका तैयार किया था जिसमे लेफ्ट टर्न ओपन के साथ नैनीताल की मालरोड को पार्किंग फ़्री जोन बनाने की बात डीआईजी नीलेश आंनद भरणें ने की थी। इसके साथ पार्किंन के लिए स्कैनर लगाया जो पार्किंग की जानकारी देगा वो भी बेकार पड़ा है तो पर्यटकों को पर्चा देकर कानून की जानकारी देने का भी प्लान तैयार किया था। हालांकि पर्यटन सीजन से पहले ये सभी योजनाएं ध्वस्त हो गयी और सीजन चरम पर आते ही सब गायब हो गयी। बावजूद इसके डीआईजी ने कहा कि जल्द ही जाम से निजात के लिए प्लान तैयार करने होंगे जिस पर काम किया जा रहा है