अभी चुनाव दूर हैं बंधु..महँगी बिज़ली खरीद का वास्ता देकर ऊर्जा निगम ने उपभोक्ताओं पर लादा बिल में सरचार्ज का भार…

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महँगी बिज़ली खरीद का वास्ता देकर ऊर्जा निगम ने उपभोक्ताओं पर लादा बिल में सरचार्ज का भार…

ये चुनावों का समय नही है भाई..पैट्रोल, डीज़ल हो या विद्युत बिल तभी कम होते हैं जब लोकसभा या विधानसभा चुनाव निकट होते हैं।आपको बता दें कि उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने ऊर्जा निगम के साढ़े 12 प्रतिशत सरचार्ज वृद्धि के प्रस्ताव को संशोधित कर करीब साढ़े तीन प्रतिशत की बढ़ोतरी की मंजूरी दी है। जिससे पांच पैसे से 86 पैसे प्रति किलोवाट तक की वृद्धि हो गई है।जिससे बिजली उपभोक्ताओं पर बिल में सरचार्ज का भार बढ़ जाएगा।

जल विद्युत परियोजनाएं उत्तराखंड में हैं पर ऊर्जा निगम ने कोयला,गैस संकट के कारण महंगी खरीद का दिया वास्ता…

उत्तराखंड में गर्मियों में बिजली संकट के दौरान राष्ट्रीय एक्सचेंज से महंगी खरीद का हवाला देते हुए ऊर्जा निगम ने इस वित्तीय वर्ष में विद्युत सरचार्ज बढ़ाने की मांग की थी। ग्रीष्मकाल में अचानक बढ़ी विद्युत मांग और देश में कोयला व गैस संकट के चलते उत्तराखंड में भी लगातार बिजली की कमी बनी रही। ऐसे में मार्च से ही ऊर्जा निगम राष्ट्रीय एक्सचेंज से महंगी दरों पर बिजली खरीद कर रहा था। बिजली संकट के चलते राष्ट्रीय बाजार में दरें डेढ़ से दो गुना अधिक पहुंच गईं।

माँग के अनुसार नियामक आयोग ने नही किया अनुमोदन..ऊर्जा निगम

इस वित्तीय वर्ष में ऊर्जा निगम ने करीब 1000 करोड़ की अतिरिक्त बिजली खरीद का आंकलन किया है। इसकी भरपाई के लिए निगम की ओर से सरचार्ज में साढ़े 12 प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव नियामक आयोग को भेजा गया था। जिस पर आयोग ने साढ़े तीन प्रतिशत वृद्धि का अनुमोदन किया है।