नैनीताल – हाईकोर्ट शिफ्टिंग की चर्चाओं के बीच उत्तराखण्ड हाईकोर्ट बार एसोसिएशन सभागार आज जंग का आखाड़ बन गया…हाईकोर्ट शिफ्टिंग को लेकर चल रही चर्चाओं की बैठक बुलाई गई थी लेकिन ये बैठक आखाडे में तब्दील हो गई। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने जैसे ही चीफ जस्टिस के निर्णय को वकीलों के सामने रखा और कहा कि उन्हौने हाईकोर्ट शिफ्ट के साथ अन्य पीएसटी जैसी कोर्ट भी हल्द्वानी शिफ्ट करें तो इस पर वकीलों का एक गुट ने विरोध शुरु कर दिया.. जिसके बाद क्या था फिर पूरा सभागार में नारेबाजी और हंगामा बरपा। हंगामा शांत होता तो इसी बीच एक वकील पूरन सिंह रावत ने एक वकील पर नाम लेकर टिप्पणी कर दी और उसके बाद तो हंगामा ऐसा बरपा की आधे में ही बैठक को रद्द करने की घोषणा करनी पड़ी..आपको बतादें कि नैनीताल से हाईकोर्ट शिफ्ट करने की चर्चा तेज है जिस पर अधिवक्ताओं के गुट बने हैं हल्द्वानी के वकील गौलापार में हाईकोर्ट की मांग कर रहे हैं तो उत्तराखण्डी वकील नैनीताल या पहाड़ में कोर्ट को शिफ्ट करने की मांग कर रहे हैं वहीं एक गुट रामनगर काशीपुर के बीच कोर्ट बनाने की मांग गुपचुप तरिके से उठा रहा है।
क्या कहा अध्यक्ष प्रभाकर जोशी ने सभा में….
दरअसल सभागार में वकीलों को सम्मानित करते हुए एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रभाकर जोशी ने कहा कि कल वो चीफ जस्टिस से मिलेंगे जिसके बाद अध्यक्ष ने कहा कि चीफ जस्टिस ने कहा है कि हाईकोर्ट की शिफ्टिंग के लिये उनको उन्हौने कोई प्रपोजल नहीं रखा बल्कि राज्य सरकार ने उनके सामने प्रपोजल रखा था और केन्द्र सरकार की सहमति से ये प्रपोजल उनके पास आया था। चीफ जस्टिस ने कहा है कि उन्हौने अपना सुझाव दे दिया है कि हाईकोर्ट को नैनीताल से शिफ्ट किया जायेगा। चीफ जस्टिस ने कहा कि आपकी क्या मांग इसमें हैं तो उन्हौने बताया है कि हाईकोर्ट की बिल्ड़िंग के साथ कोटी क्वाटर के साथ चैम्बर निर्माण हाउसिंग सोसाइटी कैंटीन बार और पार्किंग की सुविधा हो और जो सुविधा सभी को दी जा सकती हैं वो पूरी होनी चाहिये। चीफ जस्टिस ने कहा है कि इसमें 100 प्रतिशत पैंसा वो देंगे। चीफ जस्टिस के इस बयान के बाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि उन्हौने कहा है कि जब हाईकोर्ट शिफ्ट हो रही हैं तो सभी ट्रीब्यूनल भी गौलापार में ही शिफ्ट हो।
इसका कुछ वकीलों ने विरोध किया और कहा जब आपने अपनी सहमति दे दी है तो बैठक का क्या फायदा है..क्यों बार से पूछा नहीं गया कि उनकी क्या राय है। हांलाकि अध्यक्ष प्रभाकर जोशी ने कहा कि इसमें उनहौने कोई सहमति नहीं दी है ना ही बार के किसी भी पदाधिकारी ने दी है। इसके बाद वकीलों में हंगामा शुरु हो गया जो बैठक को आधे में ही खत्म करने के बाद थमा है। इस दौरान हांलाकि 2-3 अधिवक्ताओं ने अपनी राय रखी आन्दोलनकारी रमन साह ने कहा कि कोर्ट ले जाना आसान अब भी नहीं है क्यों कि इसके लिये ना राज्य ना केन्द्र सरकार का कोई नोटिफिकेशन अब तक है क्योंकि कोर्ट स्थाई रुप से नैनीताल रखी गई थी ना कि अस्थाई अपनी इस लड़ाई को कानूनी तौर पर लड़नी होगी। वहीं इस दौरान वरिष्ठ वकील एमसी पंत ने कहा कि अगर कोई निर्णय लिया है तो उस प्रस्ताव को गिराया भी जा सकता है। चीफ जस्टिस जनरेटर लगाने के लिये बार की सहमति लेते हैं लेकिन हाईकोर्ट शिफ्टिंग का फैसला अकेले ले लेते हैं। पंत ने कहा की बार से अभी आनलाइन के लिये बनने वाले नियमों में राय ली है लेकिन जब दिल्ली से कोर्ट चली को लिंक तक वकीलों को नहीं दिया गया। पंत ने कहा की अगर हाईकोर्ट बनाना है तो सबसे बढिया स्थान धानाचुली है जहां निरिक्षण हुआ सफाई हुई और अच्छी व्यवस्था भी हो सकती है। इस दौरान पूरन सिंह रावत ने अखवार पर कार्रवाई की मांग की है जिसमें कहा गया कि बार के विहाप पर खबर प्रकाशित की गई। आक्रोश में जारी इस बयान के दौरान पूरन सिंह रावत ने एमसी पंत पर सवाल उठाया तो वकीलों ने कहा की वो पूरा झूट बोल रहे हैं और इसके बाद हंगामा शुरु हो गया..बैठक में कोई निर्णय होता इससे पहले वकीलों में फूट पड़ गई और सचिव हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने बैठक खत्म करने की घोषणा कर दी।इस दौरान उत्तराखंड के गद्दारों को गोली मारो सालों को नारे भी खूब लगे।