हे राम यहां तो भगवान ही मालिक है..2013 में मुख्यमंत्री ने किया पुल का शिलान्यास…ये विभाग आज तक नहीं कर सका टेंडर..इस अधिकारी की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल

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नैनीताल– उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने गौलापार की सूखी नदी में पुल निर्माण के लिये किये जा रहे नए टेंड़र पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने सरकार समेत पक्षकारों के जवाब मांगा है हाईकोर्ट ने माना है कि इस पूरे मामले में लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की संलिप्ता मानते हुए कहा कि लग रहा है कि ये जानबुझ कर किया गया है क्योकि पूर्व टेंड़र वाले ठेकेदार को बाद में सूचना दी गई है और नया टेंड़र जारी कर दिया गया। आपको बतादें कि आजादी के बाद से पुल निर्माण की सूखी नदी में नकेल पुल मांग रही है और साल 2013 में पूर्व मुख्यमंत्री ने शिलान्यांस भी कर दिया बावजूद इसके विभाग तब से आज तक टेंड़र ही नहीं कर सके। 29 सिंतबर 2022 को इसका टेंड़र संजय डोर्बी के नाम खुला तो विभाग के अधिकारियों ने की बहाने डालकर 17 जनवरी को बिना पूर्व सूचना के दूसरा टेंड़र निकाल दिया गया..इस टेंड़र प्रक्रिया को हाईकोर्ट में चुनौति दी गई जिस पर अब कोर्ट ने पूरी तरह से रोक लगा दी है। हाई कोर्ट के अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने बताया कि उन्हौने कई ग्राउंड पर PWD के अधिकारी की मनमानी को हाई कोर्ट में चुनौती दी जिस पर कोर्ट ने सुनवाई की और माना कि विभाग ने गलत किया है जिसके बाद विभाग द्वारा जारी टेंडर पर रोक लगा दी और कई सवाल खड़े किए है जिस पर अब आगे सुनवाई होगी.