जजों के आदेश कमजोर या फिर हाईकोर्ट की नहीं सुनते अधिकारी और दुकानदार…..जहां तहां हो रहा है उत्तराखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के आदेश का उलंघन……क्या अवमानना का है अब संकट

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नैनीताल – उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने भले ही राज्य में प्लास्टिक बैन का आदेश दिया है लेकिन अधिकारी इस आदेश का अनुपालन कराने में नाकाम ही साबित हो रही हैं। नैनीताल जिले के शहरों से लेकर गांवों तक प्लास्टिक बेरोकटोक बेची जा रही है तो दुकानदार आदेश के बाद भी मानने को तैयार नहीं है। पिछले तीन दिनों में लगातार खरिदारी में रामनगर के बाजार और मुहल्लों की दुकानों में प्लास्टिक की थैलियां दुकानदार सामान के साथ दे रहे हैं तो इनको कोर्ट से लेकर अधिकारियों तक का भी भय नहीं है। वहीं हल्द्वानी में भी दिपावली के दौरान जमकर प्लास्टिक बैग और थैलियों का जमकर उपयोग होता रहा है, सिर्फ शहर ही नहीं बल्कि नैनीताल जिले के पहाड़ी हिस्सों भटेलिया मुक्तेश्वर बेतालघाट समेत अन्य इलाकों में भी प्लास्टिक की थैलियों में सामान बेचा जा रहा है।

हाईकोर्ट ने दिये हैं प्लास्टिक हटाने के आदेश

दरअसल नैनीताल हाईकोर्ट ने अल्मोड़ा के जितेन्द्र यादव की याचिका पर राज्य में प्लास्टिक बैन का आदेश दिया है कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि प्लास्टिक निर्माण करने वाली कम्पनी का राज्य प्रदूषण बोर्ड़ में रजिस्ट्रशन अनिवार्य होगा अगर ऐसा नहीं होगा तो उसके उत्पादों को राज्य में बैन किया जायेगा। कोर्ट ने अपन आदेश में कहा था कि इन कम्पनियों को नगर पालिका नगर निगम और ग्राम पंचायतों को भी बजट देना होगा ताकि कचरे का निस्तारण किया जा सके। इसके साथ ही कोर्ट ने राज्य के सभी डीएम से रिपोर्ट फाइल करने को कहा था जिस पर डीएम की रिपोर्ट पर कोर्ट नाराज रही..वहीं कोर्ट ने पिछले डेट पर कहा कि अब कार्रवाई का वक्त आ गया है अगर कोई इस आदेश का पालन नहीं करेगा तो उस पर अवमानना की कार्रवाई की जा सकती है वहीं कोर्ट ने एक इमेल आईडी में शिकायत करने और 24 घंटों के भीतर शिकायत का निस्तारण के आदेश दिया है।