नैनीताल – उत्तराखंड में ट्रेटा पैक की बोतल में शराब नहीं बेची जा सकेगी, चीफ जस्टिस कोर्ट ने सरकार के जवाब के बाद आदेश दिया है कि जब तक सरकार प्लास्टिक वापस लेने के लिए स्कीम नहीं बना लेती और लागू नहीं कर लेती तब तक ट्रेटा पैक शराब नहीं बेची जा सकती है। राज्य सरकार के शपथ पत्र के बाद हाई कोर्ट ने ये आदेश दिया है स्टेट गवर्मेंट ने कोर्ट में कहा की सरकार ट्रेटा की बोतलों पर क्यूआर स्कैन बारकोड लगा रही है जिससे ये बाजार में वापस लेने का प्रावधान रखा गया है। कोर्ट ने कहा है कि सिर्फ शराब ही नहीं बल्कि जूस पानी समेत अन्य सामान में ट्रेटा पर भी बारकोड स्कैन लगाने पर अपनी नीति कोर्ट को बताएं। कोर्ट ने 19 मई तक जवाब मांगा है। दरअसल चंपावत निवासी नरेश चन्द्र की ओर से जनहीत याचिका में कहा गया कि सरकार की नयी आबकारी नीति के अनुसार शराब के 200 एमएल के पैक को ट्रेटा पैक में बेचने की योजना है जो सरकार प्लास्टिक वेस्ट नियमावली के विरुद्ध है। जिसकी वजह से पर्यवारण को नुकसान होगा। याचिकाकर्ता की ओर से इस पर रोक लगाने की मांग की गयी है । याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया सरकार एक ओर प्लास्टिक कूड़ा पर रोक नहीं लगा पा रही है। दूसरी तरफ टेट्रा पैकों में इसे बेचने की अनुमति भी दे रही है। जिसकी वजह से प्रदूषण और बढ़ेगा। अधिवक्ता विनय कुमार ने बताया कि कोर्ट के इस आआदेश के बाद ट्रेटा पैक में शराब नहीं बेची जा सकती इनके लिए सरकार को स्कीम बनाने के आदेश दिए हैं क्योंकिं सरकार ने कोर्ट को बताया कि वो स्कीम बना रहे हैं और क्यूआर स्कैन कोर्ट हर बोतल पर लागू करेंगे जिसमें एक बोतल पर कुछ रुपया अतिरिक्त देना पड़ेगा और जब बोतल वापस आएगी तो ये पैंसा वापस मिल जाएगा।