मुख्यमंत्री ने रीठा साहिब जोड़ मेले का किया शुभारंभ। कई योजनाओं की दी सौगात। ★. रीठा साहिब लधिया घाटी में बनेगा वोटर पुल सीएम धामी ने की घोषणा रिपोर्ट (चन्दन सिंह बिष्ट) “चम्पावत रीठा साहिब”

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चंपावत /रीठा साहिब
सिखों के पवित्र स्थल लधिया और रतिया नदी के संगम पर सिखों के प्रमुख तीर्थ स्थल गुरुद्वारा श्री रीठा साहिब में सालाना जोड़ मेले का गुरु ग्रंथ साहिब पाठ की लड़ी के साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा शुभारंभ किया गया। मुख्यमंत्री का श्री रीठा साहिब पहुचने पर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी एवं देश विदेश से आए तीर्थ यात्रियों ने स्वागत किया और प्रबन्धक कमेटी द्वारा मुख्यमंत्री को सरोफा भेंट किया।रीठा साहिब गुरुद्वारा दरबार मे मत्था टेक प्रदेश की खुशहाली की कामना की
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अपने सम्बोधन श्री रीठा साहिब में आयोजित जोड़ मेले की सभी को लख- लख बधाइयां देते हुए कहा की मेरी प्रार्थना है कि यह मेला आप सभी के जीवन में नव तरंग, नव उमंग और नवसृजन लेकर आये मेरा सौभाग्य है कि मुझे आज मुख्य सेवक के रूप में रीठा साहिब जैसे पवित्र स्थल पर अरदास करने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है।
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि गुरु ग्रंथ साहिब में कहा गया है कि जितने बैसन साध जन, सो थान सुहन्दा अर्थात जहाँ महापुरुषों के चरण पड़ते हैं वह स्थान तीर्थ बन जाता है।
उन्होंने कहा कि बताया जाता है कि वर्ष 1501 में श्री गुरु नानक देव जी अपने शिष्य मरदाना के साथ रीठा साहिब आए तो इस दौरान उनकी मुलाकात सिद्ध मंडली महंत गुरु गोरखनाथ के शिष्य ढेरनाथ से हुई। जब गुरु नानक जी महाराज और ढेरनाथ के बीच लंबा संवाद चल रहा था, तभी शिष्य मरदाना को भूख लगी। जब भोजन ना मिला तो फिर निराश होकर श्री गुरु नानक देव के पास पहुंचा। गुरु नानक देव जी ने शिष्य के सामने रीठे के पेड़ को छूकर खाने का आदेश दिया। रीठा कड़वा होता जानकर भी मरदाना ने गुरु के आदेश का पालन करते हुए जैसे ही एक रीठे को खाया, रीठे के फल को मीठा पाया। तब से इस स्थान का नाम रीठा साहिब पड़ गया और तभी से यहां पर श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में भी मीठा रीठा बांटा जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री रीठा साहिब ऐसा दिव्य स्थान है जहां गुरुनानक देव जी ने सत्संग कर कड़वे रीठे में मिठास भर कर दुनिया को प्रेम, सेवा व समर्पण का संदेश दिया था।इस अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा रीठासाहिब में लधिया नदी में मोटर पुल के निर्माण की घोषणा की गई व स्वास्थ्य विभाग द्वारा चिकित्सा शिवर भी लगाया गया और लोगों को लाभान्वित किया गया।
गुरुद्वारा में मत्था टेकने के पश्चात मुख्यमंत्री ने उससे लगे गुरु गोरखनाथ मन्दिर में भी दर्शन कर आशिर्वाद लिया तथा प्रदेश की सुख-शांति की कामना की। इससे पूर्व जिलाधिकारी नरेंद्र सिंह भंडारी ने मुख्यमंत्री का गाज चन्योली पहुँचने पर पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया। इस दौरान वहा आयोजित कार्यक्रम में नंदा कान्वेंट पब्लिक स्कूल के बच्चों द्वारा स्वागत गीत गाकर मुख्यमंत्री का स्वागत एवं अभिनन्दन किया गया। लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जनपद चंपावत प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है, चाहे वह फलों के क्षेत्र में हो, साइंस सिटी के क्षेत्र में हो या शिक्षा आदि के क्षेत्र में हो। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि जनपद का सुदूरवर्ती क्षेत्र भी हर क्षेत्र में विकास की धारा से जुड़े और पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुचें।इस दौरान ग्रामीणों द्वारा मुख्यमंत्री के समक्ष क्षेत्र की समस्याओं को रखा। क्षेत्रवासियों ने रीठा साहिब में डिग्री कॉलेज की स्वीकृति, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चौड़ापिता का उच्चीकरण, धरसों खनोलिया मोटर मार्ग का डामरीकरण इजर-कोडार मोटर मार्ग का निर्माण, पशु चिकित्सालय रीठा साहिब में पर्याप्त स्टाफ की तैनाती, अटल आदर्श इंटर कॉलेज चौड़ा मेहता में रिक्त पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति जैसी अन्य समस्याएं रखी। इस अवसर पर कार सेवा प्रमुख बाबा बचन सिंह,बाबा सुरेन्द्र सिंह,बाबा तरसेम सिंह जी, गुरुद्वारा प्रबंधक बाबा श्याम सिंह,बाबा जसविंदर सिंह, विधायक लोहाघाट खुशाल सिंह अधिकारी, जिलाध्यक्ष भाजपा निर्मल महरा, ब्लॉक प्रमुख पाटी सुमनलता, राज्य किसान आयोग के उपाध्यक्ष राजपाल सिंह, भाजपा प्रदेश कार्यकारी सदस्य सतीष पाण्डेय,ललित कुंवर, मुकेश कलखुड़िया, मोहित पाठक, गौरव पांडेय, पूर्व विधायक डॉ प्रेम सिंह राणा, पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र पींचा,सीडीओ आर एस रावत, एडीएम हेमंत कुमार वर्मा सहित देश विदेश से आए श्रद्धालु,विभिन्न जनप्रतिनिधि, स्थानीय लोग आदि उपस्थित रहे।