मेट्रोपोल के अतिक्रमणकारियों को हाईकोर्ट से राहत नहीं….अब प्रशासन के हाथ हैं खुले कभी भी चल सकता है बुलडोजर…कोर्ट ने सुनवाई के दौरान ये कहा 10 दिन मानने को तैयार नहीं अतिक्रणकारी …

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नैनीताल – हाईकोर्ट से भी मेट्रोपोल के अतिक्रमणकारियों को कोई राहत मिलती नहीं दिख रही है। चीफ जस्टिस कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि वो खुद मान रहे हैं कि अतिक्रमणकारी मान रहे हैं तो कैसे वो कोई भी अवैध गतिविधियों को 226 के अपने पावर का इस्तेमाल कर किसी गलत काम को आगे नहीं बढा सकते हैं।

हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस बेंच ने मामले को सुनने के याचिकाकर्ताओं के वकीलों से पूछा है कि क्या वो कोर्ट में बयान रिकाँर्ड़ करवाते हैं कि 10 दिन के भीतर वो खुद इस स्थान को खाली कर देंगे इसकी जानकारी दें जिसके बाद वो फैसला दे देंगे। हांलाकि कोर्ट से कोई राहत नहीं मिलने के बाद अब प्रशासन के हाथ भी खुले हुए हैं। आपको बतादें कि नैनीताल के सत्रु संपत्ति मेट्रोपोल कम्पाउंड़ में 134 लोगों ने अवैध तौर पर कब्जा किया है जिसको लेकर 24 जुलाई को नैनीताल एसडीएम ने इन सभी को बेदखली का नोटिस दिया है। इस आदेश को महमूद ताहित समेत अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी याचिका में कहा गया है कि वो राजा के सेवक रहे हैं और 100 सालों से यहां रह रहे हैं। याचिका में एसडीएम कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की मांग की गई थी। सरकार के महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर ने कोर्ट में कहा कि 2010 में जिला प्रशासन ने इस स्थान पर कब्जा ले लिया था लेकिन ये लोगों का अब कब्जा है और ये अवैध कब्जाधारी हैं।