चम्पावत :
युवाओं में ड्रग एडिक्शन की बढ़ती प्रवृत्ति को रोकने हेतु व “नशा मुक्त उत्तराखंड अभियान” के सुचारू क्रियान्वयन हेतु व नशामुक्त उत्तराखंड अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन में संबंधित विभागों की भूमिका पर चर्चा की गई। बैठक का आयोजन मंगलवार को जिलाधिकारी नवनीत पांडेय की अध्यक्षता में जिला कार्यालय सभागार में हुआ। जिसमे नशा मुक्त उत्तराखंड अभियान के प्रचार-प्रसार एवं क्रियान्वयन के संबंध में चर्चा की गई। जिलाधिकारी द्वारा नशे के रोकथाम हेतु जिला स्तर से लेकर ग्राम पंचायतों तक विद्यालय व अन्य शिक्षण संस्थानों के साथ-साथ सार्वजनिक स्थलों पर जनजागरूकता रैली, बेनर एवं पोस्टर, नुक्कड़ नाटक व सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से इसका व्यापार प्रचार-प्रसार किये जाने हेतु सम्बन्धितों को निर्देशित किया गया। उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि जो लोग विशेषकर युवा जो नशे की गिरफ्त में आ रहे हैं उनकी कॉउंसलिंग कराई जाए व नशें के खिलाफ पुलिस विभाग व शिक्षा विभाग के साथ संयुक्त रूप से जन जागरुकता बढ़ाये जाने हेतु जागरूकता अभियान का आयोजन किया जाए। साथ ही दूसरी ओर नशा तस्करी से जुड़े अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी की जाये। वही शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षक अभिवावक गोष्ठी में भी पुलिस व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर मादक पदार्थ व इनसे होने वाले नुकसान के सम्बंध में भी जानकारी देने के साथ साथ जागरूक किया जाए। जिलाधिकारी ने विद्यालय-महाविद्यालय परिसर एवं उसके आस-पास अवैध रूप से विक्रय किए जा रहे प्रतिबंधित ड्रग्स, मादक सामग्री के विरूद्ध अभियान चलाये जाने के साथ ही जिला औषधि निरीक्षक समय-समय पर दवा दुकानों पर औचक निरीक्षण कर नशीली दवाइयों की बिक्री पर रोक लगाये जाने व चालान की कार्यवाही करें। उन्होंने कहा कि नशे से पीड़ित व्यक्तियों/युवाओं को निःशुल्क मनोवैज्ञानिक परामर्श सेवा उपलब्ध उपलब्ध कराई जाए। बैठक में पुलिस अधीक्षक देवेंद्र पिंचा, अपरजिलाधिकारी हेमन्त कुमार वर्मा, उपजिलाधिकारी सदर सौरभ असवाल, मुख्य शिक्षा अधिकारी आर.सी.पुरोहित, मुख्य चिकित्सा अधिकारी केके अग्रवाल समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।