नैनीताल – उत्तराखंड में सड़कों के किनारे अतिक्रमणकारियों को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। हाई कोर्ट ने प्रभात गांधी के पत्र पर संज्ञान लेने वाली याचिका पर अब बड़ा आदेश जारी किया है। कोर्ट के इस नए आदेश के बाद उन अतिक्रमणकारियों की मुश्किलें बढ़ सकती है जो 15 साल से सड़कों के किनारे बसे हैं और अवैध अतिक्रमणकारी हैं।
दरअसल हाई कोर्ट ने 8 मई को राज्य के सड़कों के किनारे अतिक्रमण मामले में सुनवाई करते हुए अब यथास्थिति बनाने के आदेश दिए हैं..लेकिन कोर्ट ने अपने आदेश में सरकार को निर्देश दिया है कि राज्य के सभी जिलों में 15 साल से ज्यादा कब्जेदारों का विवरण कोर्ट में दाखिल करें..चीफ जस्टिस कोर्ट ने सरकार से शपथ पत्र में पूरा ब्यौरा 9 जुलाई से पहले कोर्ट में दाखिल करने को कहा है।
दरअसल मामला दिल्ली के प्रभात गांघी द्वारा हाई कोर्ट को लिखे पत्र से सामने आया, जिसमें पदमपुरी से धानाचूली तक सड़क किनारे अतिक्रमण को लेकर पत्र लिखा गया था। इस पत्र का संज्ञान हाई कोर्ट ने लिए और पूरे राज्य को लेकर कोर्ट ने ऑडर पास किया। उस वक्त के मुख्य न्यायाधीश ने 26 जुलाई 2023 को आदेश जारी कर कहा कि सड़क नदियों के किनारे से सभी तहर का अतिक्रमण हटाया जाए..कोर्ट ने अपने आदेश में सभी जिलों के डीएम को कहा कि वो हाईकोर्ट के आदेश का इंतजार करे बगैर कार्रवाई कर कोर्ट में एक्शन टेकन रिपोर्ट फाइल करें..वहीं इसके बाद कई स्थानों पर कार्रवाई हुई और सरकार ने भी अतक्रिमण चिन्हिकरण कर कार्रवाई रिपोर्ट कोर्ट में पेश की लेकिन अब हाईकोर्ट ने पूरे मामले में स्टेट्स को कर दिया है तो 15 साल वाले अतिक्रमणकारियों की रिपोर्ट मांगी है।