रिपोर्ट- (चंदन सिंह बिष्ट) “स्टार खबर” (पाटी,चंपावत)
उत्तराखंड – अगर दिल मे पहाड़ हो और मन मे अपने गावँ के लिए कुछ करने का जज्बा तो कामयाबी जरूर मिल जाती है। जी हां एक ऐसी ही कहानी आज हम आपके लिए लेकर आये हैं। दरलसल चम्पावत के इस लाल ने सालों से छोड़ी बंजर जमीन को कमाई का जरिया बनाया है वो भी तब जब नीरज ने फ्रांस से उच्च शिक्षा ग्रहण की है और पूरा जीवन महानगरों की चकाचौंद में बिताया,, अब नीरज स्वरोजगार के साथ स्थानीय लोगों को घर पर ही रोजगार दे रहे हैं।
दरअसल कहानी पाटी ब्लॉक के सुदूर ग्राम करौली निवासी नीरज जोशी की है जो फ्रांस से उच्च शिक्षा ग्रहण कर अपनी पैतृक गावँ लौटे और पूर्वजों की जमीन पर होमस्टे का निर्माण किया। नीरज की प्रारंभिक व माध्यमिक शिक्षा गोशन स्कूल नानकमत्ता व जवाहर नवोदय विद्यालय रुद्रपुर एवं उच्च शिक्षा डीएसबी केंपस नैनीताल (B.sc) पंतनगर विश्वविद्यालय पंतनगर (Msc) एवं मोंटपेलियर सुपएग्रो फ्रांस से (M.s) किया। अपने चाचा सुरेश चंद्र जोशी के सहयोग से पिछले 30 वर्षों से अपने पूर्वजों द्वारा छोड़ी गई बंजर भूमि का जीर्णोद्धार कर विगत 3 वर्षों से लगातार विभिन्न विभागों की मदद से कर रहे हैं ।
कृषि विद्यार्थी होने के नाते वह गांव में कृषकों को आय बढ़ाने हेतु स्मार्ट एग्रीकल्चर मिक्स एग्रीकल्चर औषधियों की खेती आदि की जानकारी भी साझा करते हैं । प्रकृति प्रेमी नीरज जोशी ने विगत 3 वर्षों से लगभग 500 औषधीय एवं फलदार पौधों का वृक्षारोपण किया है ।होमस्टे निर्माण से ग्राम वासियों में रोजगार की अपार संभावनाएं बढ़ी हैं
जिसके फलस्वरूप विगत 3 वर्षों से लगातार लगभग 10 लोगों को रोजगार भी दिया है एग्री टूरिज्म थीम पर आधारित होमस्टे पर प्रथम अतिथि फ्रांस से आए पर्यटक क्लोय एवं सिंधिया ने रात्रि प्रवास किया एवं गांव का भ्रमण भी किया ।
गांव में सामाजिक सेवा के तौर पर विदेशी पर्यटकों ने कंबल वितरण भी किया एवं भविष्य में भी सामाजिक सेवा करने की इच्छा जाहिर की नीरज का कहना है कि पहाड़ से पलायन रोकने के लिए युवाओं को पहाड़ में रोजगार के स्रोत विकसित करने होंगे ।
उक्त क्रियाकलापों में उनके चाचा सुरेश जोशी अग्रज राकेश जोशी नीलम गड़कोटि एवं समस्त गावँ के लोगों का सहयोग भी नीरज को मिल रहा है।