नैनीताल – विधानसभा में बैकडोर से भर्ती मामले में निकाले गए कर्मचारियों को हाईकोर्ट से भी झटका मिला है। हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस कोर्ट ने एकलपीठ के उस आदेश को निरस्त कर दिया है जिसमें कर्मचारियों के निलंबन आदेश पर रोक लगाते हुए उनको सीधी भर्ती से नियुक्ति नहीं होने नौकरी पर बहाल करने को कहा था। विधानसभा सचिवालय ने एकलपीठ के फैसले चुनौती दी थी। हाई कोर्ट ने 15 अक्टूबर को निलंबन आदेश पर रोक लगा दी थी। दरलसल 27 से 29 सितंबर तक अलग अलग आदेशों में विधानसभा ने बैकडोर से भर्ती किये 228 से ज्यादा कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था। जिसको कर्मचारियों ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी हाई कोर्ट ने इस आदेश पर रोक लगा दी थी। वहीं कर्मचारी अब सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे। अधिवक्ता अवतार सिंह रावत ने कोर्ट को कहा अगर उलंघन इनके जरिए हुआ तो गलत है और आर्टिकल 14 का उलंघन सिर्फ इन कर्मचारियों ने नहीं बल्कि 2001 से लेकर टिल डेट तक हुआ कैसे सिर्फ 2016 से 2021 तक के लोगों पर कार्रवाई हो सकती है। वहीं अवतार सिंह ने कहा कि इस आदेश के खिलाफ वो सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे और अन्य मामलों को लेकर जो एकलपीठ में सुनवाई होनी है उस पर कर्मचारियों के पक्ष रखेंगे। आपको बतादें की आज विधानसभा सचिवालय की स्पेशल अपील में वकील ने कहा कि भर्ती में नियमों का खुला उलंघन हुआ है और विधानसभा में भर्ती नियमावली का भी पालन नहीं किया गया नॉय ही विज्ञप्ति जारी की गई थी और भर्ती एक प्रार्थना पत्र के आधार पर उनको बैकडोर नियुक्ति दी गयी थी