उत्तराखंड की नदियों के खनन पर ब्रेक….किसी भी नदी में नहीं होगा मशीनों से खनन..राज्य के 13 डीएम को हाई कोर्ट ने दिया ये आदेश खनन सचिव से तलब किया जवाब..

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नैनीताल – उत्तराखण्ड में सभी नदियों में मशीन से खनन पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। साथ ही कोर्ट ने खनन सचिव को नोटिस जारी कर व्यक्तिगत तौर पर नोटिस जारी कर 21 दिनों के भीतर शपथ पत्र मांगा है कि वन निगम और निजी पट्टा धारकों के राँयल्टी पर अंतर कैसे है। कोर्ट ने सभी डीएम को आदेश दिया है कि किसी भी नहीं में जेसीबी या पोकलैंड़ से खनन ना हो…वहीं वन निगम द्वारा प्रति कुंतल 31 रुपये की राँयल्टी और निजी पट्टाधारकों की 12 से 19 रुपये की ली जा रही राँयल्टी पर कोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार कर कहा कि कैसे ये अंतर है कहीं प्राइवेट खनन पट्टा धारकों को फायदा पहुंचाने के लिये तो ये नहीं किया जा रहा है। आपको बतादें कि हल्दूचौड़ के गगन परासर और हरीश ने हाईकोर्ट मे जनहित याचिका दाखिल कर कहा है कि केन्द्र सरकार के नियमों के तहत पूरे राज्य की नदियों में चुगान सिर्फ मैन्युअल यानि लोगों द्वारा हो सकता है ना कि मशीनों द्वारा,,याचिका में मांग की गई है कि नदियों में मशीनों द्वारा खनन पर पूर्ण रुप से बंद हो क्योकि वन निगम तो हाथों से खनन हो रहा है ना लेकिन प्राइवेट पट्टा धारक मशीन से कर रहे हैं। वहीं याचिका में कहा गया पूरे राज्य में एक समान राँयल्टी हो साथ ही भारत सरकार द्वारा गाइड़लाइन का पालन पूर्ण रुप से कराया जाए।