नैनीताल – हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई पूरी कर आदेश जारी कर दिया है। कोर्ट ने रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने के आदेश के साथ कहा है कि अतिक्रमणकारियों को हटाने से पहले उनको एक हफ्ते का नोटिस दें तब कार्रवाई करें। हाई कोर्ट की जस्टिस शरद शर्मा व जस्टिस खुल्बे की खंडपीठ ने फैसला सुरक्षित रखा दिया है जो आज फैसला जारी कर दिया है। कोर्ट ने अतिक्रमणकारियों के प्रार्थना पत्रों को खारिज कर दिया था इसमें कई अतिक्रमणकारियों ने रेलवे की जमीन पर खुद को सरकार का लीज होल्डर बताया है हालांकि कोर्ट ने इन लोगों से दस्तावेज भी मांगे थे। हालांकि इस मामले में सरकार और रेलवे ने कहा है कि ये जमीन रेलवे की है इसी लिए इनको नोटिस जारी कर बेदखली का आदेश पारित किए हैं। आपको बतादें कि हल्द्वानी के रविशंकर जोशी की जनहित याचिका पर हाई कोर्ट ने 9 नवम्बर 2016 को अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए थे। जिसके बाद अतिक्रमणकारियों ने सुप्रीम कोर्ट की सरण ली तो कोर्ट ने तीन महीने में अतिक्रमणकारियों के प्रार्थना पत्रों की सुनवाई के बाद कार्रवाई के आदेश दिए थे जिसके बाद 6 मार्च 2017 को हाई कोर्ट ने फिर रेलवे को अतिक्रमण हटाने के आदेश दे दिए। लेकिन रेलवे हाई कोर्ट में समय की मांग को लेकर आई तो0 31 मार्च 2020 तक सभी0 सुनवाई पूरी करने के निर्देश मिले। लेकिन अब तक कार्रवाई नहीं होने पर हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की तो रेलवे ने कोर्ट ने समय की मांग की है कि उनको कुछ समय और दिया जाए। इसी बीच याचिकाकर्ता ने नई याचिका दाखिल की जिस पर कोर्ट ने सभी को मौका दिया और आपत्ति दाखिल करने को कहा। उन आपत्तियों पर अब हाई कोर्ट सुनवाई कर रहा है।