उत्तराखंड सरकार ने भारी जनदबाव के चलते बद्रीनाथ धाम में वी.आई.पी दर्शन व्यवस्था को किया समाप्त..अब केवल सरकार की ओर से प्रोटोकॉल जारी किये लोगों को ही होंगे वी.आई.पी दर्शन…
उत्तराखंड के बद्रीनाथ धाम में आज पंडा समाज, तीर्थ पुरोहित, होटल व्यवसायी और स्थानीय लोगों द्वारा वी.आई.पी दर्शन व्यवस्था समाप्त करने को लेकर प्रदर्शन किया गया।यहाँ भारी विरोध प्रदर्शनों के बाद बी.के.टी.सी द्वारा शुरू की गई वी.आई.पी दर्शन व्यवस्था को चमोली प्रशासन द्वारा समाप्त कर दिया है। अब केवल वही लोग वी.आई.पी दर्शन कर पाएंगे जिनके लिए सरकार की ओर से प्रोटोकॉल जारी किया जाएगा। विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना था कि बी.के.टी.सी ने जो वीआईपी दर्शन की व्यवस्था शुरू की है उससे आम श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए घंटों लाइन में इंतजार करना पड़ता है।प्रदर्शन में शामिल लोगों की मांग है कि वी.आई.पी कल्चर को खत्म किया जाए। इसके अलावा उन्होंने मांग की है कि पिछले साल किन-किन वीआईपी लोगों ने दर्शन किए, किस माध्यम से किए और इन लोगों को किसने वीआईपी बनाया, ये सभी जानकारी सार्वजनिक की जाए। बता दें, बदरीनाथ, केदारनाथ मंदिर समिति की ओर से पिछले साल वीआईपी कल्चर की शुरुआत की गई थी। इसके तहत 300 रुपये देकर लोग वी.आई.पी दर्शन कर सकते हैं।प्रदर्शनकारियों ने बताया कि आधी अधूरी तैयारियों के बीच उत्तराखंड शासन ने यात्रा की शुरुआत एक दिन पूर्व ही की है।
तीन सौ रुपये की पर्ची पर वी.आई.पी दर्शन व्यवस्था को किया गया समाप्त..-चंद्रशेखर वशिष्ठ एस.डी.एम जोशीमठ…
आपको बता दें कि बद्रीनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों, आमजनों व होटल व्यवसायियों के वी.आई.पी दर्शन व्यवस्था समाप्त करने की मुहिम के सामने जिला प्रशासन ने घुटने टेक दिए हैं।
एस.डी.एम जोशीमठ चंद्रशेखर वशिष्ठ ने बताया कि आंदोलनकारियों की मांग थी कि मंदिर दर्शन के लिए जो तीन सौ रुपये की पर्ची पर वी.आई.पी दर्शन व्यवस्था थी।उसको जिला प्रशासन ने स्वीकार कर लिया है।अब सिर्फ वही लोग वी.आई.पी दर्शन कर पाएंगे जिनके लिए सरकार की ओर से प्रोटोकॉल जारी किया गया होगा।प्रशासन द्वारा प्रदर्शनकारियों व स्थानीय लोगों की सभी मांगों को मान लिया गया है।